राज्य में पीआरडी जवानों को छुट्टी व महिला पीआरडी कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। दरअसल बीते बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में पीआरडी एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी गई। इस फैसले के तहत शैक्षिक योग्यता के आधार पर पीआरडी जवानों की तैनाती जरूरत के अनुसार सभी विभागों में टेक्निकल या फिर अन्य पदों पर हो सकेगी।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में अब तक पीआरडी एक्ट 1948 प्रावधान में था। लेकिन अब इस एक्ट में बदलाव कर उत्तराखंड का अपना पीआरडीए तैयार किया है। इससे उत्तराखंड के सभी विभागों में नौकरी का भी रास्ता खुल जाएगा। साथ ही उनका कहना है कि पीआरडी जवानों की जो वर्षों पुरानी समस्याएं थी अब नए पीआरडी एक्ट में उन समस्याओं का भी समाधान किया गया है। नए एक्ट के मुताबिक पीआरडी के जवानों को अब 60 साल तक नौकरी करने का अवसर मिलेगा। बता दे अभी तक इसके लिए अधिकतम 50 वर्ष की आयु सीमा तय की गई थी। इसके अलावा अब 18 से 42 साल तक पीआरडी के लिए पंजीकरण किए जा सकेगा।
पीआरडी जवानों को पुलिस के समान सामाजिक सुरक्षा
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक पीआरडी ऐक्ट लागू होने के बाद शांति व्यवस्था के कार्यों में पुलिस के सहयोग के लिए तैनात होने वाले पीआरडी जवानों को अब पुलिस के समान ही सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। उनका कहना है कि पीआरडी जवानों को राज्यभर में शांति व्यवस्था, सुरक्षा, चार धाम, कांवड़ यात्रा, यातायात व्यवस्था सहित कई कार्यों में पुलिस के साथ लगाया जाता है लेकिन उन्हें पुलिस के समान सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं होती थी। अब ऐक्ट में बदलाव कर पुलिस के समान सामाजिक सुरक्षा उन्हें सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।