कोरोनावायरस के मामलों के बीच में अस्पताल प्रशासन द्वारा कई लोगों को कई बार उनके मरीजों को कोरोना पेशेंट बताकर लाखों का बिल थमा दिया जा रहा है और ऐसा ही मामला उत्तराखंड के रुड़की के एक अस्पताल से सामने आया है यहां बिना कोरोना जांच कराए मरीजों से लाखों की वसूली की जा रही थी। बिना अनुमति कोविड मरीजों को भर्ती किए जाने पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल की ओपीडी को सील कर दिया है। अस्पताल के दस्तावेज और सीसीटीवी की डीबीआर भी जब्त की गई है। अस्पताल में कई गंभीर अनियमितताएं मिली हैं। मामला कर्नल्स अस्पताल से जुड़ा है। प्रशासन को इस अस्पताल के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। जिनमें बताया गया कि अस्पताल प्रशासन इलाज के नाम पर मरीजों से लाखों रुपये वसूल रहा है। शनिवार को डीएम सी. रविशंकर ने अस्पताल में छापा मारा।इस दौरान सीएमओ हरिद्वार डॉ. एसके झा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल और एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल भी साथ थे। प्रशासनिक अधिकारियों को देख अस्पताल स्टाफ में हड़कंप मच गया।
छापेमारी के दौरान प्रशासन की टीम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के संबंध में जानकारी हासिल की। उनसे बातचीत की। इस दौरान अस्पताल में छह मरीज भर्ती थे, जिनमें से एक में कोविड के लक्षण थे, लेकिन अस्पताल ने मरीज की कोविड जांच नहीं कराई थी। डीएम ने मरीजों के परिजनों से बात की तो पीड़ितों बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने बिना जांच के मरीजों को कोविड बताकर उनका इलाज शुरू कर दिया है। हालत बिगड़ने पर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। बहरहाल प्रशासन ने अस्पताल की ओपीडी सील कर दी है। हालांकि जो लोग पहले से अस्पताल में एडमिट हैं, उनका इलाज चलता रहेगा। दो मरीजों के तीमारदारों ने इलाज के नाम पर लाखों की वसूली करने की बात भी प्रशासन को बताई है। इस पर डीएम ने अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।