उत्तराखंड पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा मामले में 20 दरोगा पर गिरी गाज

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उत्तराखंड में साल 2015-16 में हुए दारोगा भर्ती घोटाले में उत्तराखंड पुलिस के 20 दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने इन दारोगाओं की सूची संबंधित जिलों में भेज दी गई है। इस भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है।

2015 दरोगा सीधी भर्ती धांधली मामले में विजिलेंस की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस मुख्यालय ने 20 दरोगा को निलंबित कर दिया है। 2015 में भर्ती हुए यह दरोगा जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे। बता दें कि यूकेएसएसएसी मामले में जांच के दौरान 2015 में दरोगा सीधी भर्ती धांधली सामने आई थी।

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पता चला था कि इस भर्ती में नकल करने के बाद दरोगा में सफलता पाई। इस मामले की जांच शासन के निर्देश पर विजिलेंस को दी गई थी। विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी मामले की जांच कर रहा है। परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय ने कराई गई थी। विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं।


8 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कुल 12 आरोपी हैं। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है। इसमें 20 दरोगा का नाम सामने आया है। सभी को सस्पेंड किया गया है।

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उत्तराखंड में अभी पटवाली लेखपाल परीक्षा में पेपर लीक का मामला भी सामने आया है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 8 जनवरी को ये परीक्षा कराईथी. इसमें प्रश्नपत्र के 380 से ज्यादा सवाल लीक कराए गए थे. इस परीक्षा में सवा लाख के करीब परीक्षार्थी बैठे थे. इससे पहले वन दरोगा, फॉरेस्ट गार्ड जैसे आठ अलग विभागों में सैकड़ों पदों की भर्ती पिछले साल रद्द कर दी गई थी. इस नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया था. एसटीएफ ने UKSSSC भर्ती घोटाले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी. इसमें से कई गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश से भी की गई थीं.।

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