उत्तराखंड- यहां कोरोना काल में नियमों की अनदेखी और अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न करने पर स्कूल पर लगा 5000 का जुर्माना,जानिए क्या है मामला

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देहरादून।यहां पर कोरोना काल में नियमों की अनदेखी करने और अभिभावक का मानसिक उत्पीड़न करने के मामले में स्कूल पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह पांच हजार रुपये अभिभावक को मानसिक रूप से उत्पीड़न करने के हर्जाने के तौर पर दिए जाएंगे। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या स्कूल के खिलाफ अब शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई करेगा या नहीं ?दरअसल, कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बाद राज्य में कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस दौरान स्कूलों को भी बंद किया गया था। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लास संचालित की जा रही थी। इस दौरान बच्चों की परीक्षाएं भी ऑनलाइन कराई गई।

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लेकिन, इस दौरान कुछ स्कूलों पर मनमानी और उत्पीड़न के आरोप भी लगते रहे। ऐसा ही एक मामला स्थाई लोक अदालत में पहुंचा था।
जोहड़ी दून वैली स्कूल के खिलाफ अभिभावक दीपक कुमार ने स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया था। जिसकी सुनवाई राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष राजीव कुमार ने की। उन्होंने मामले को सुनने के बाद दोनों पक्षों को आपसी समझौती का भी प्रस्ताव दिया, लेकिन उस पर सहमति नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने स्कूल पर अभिभावक का उत्पीड़न का मामला मानते हुए फैसला सुनाया। इस फैसले के तहत स्कूल को अभिभावक को पांच हजार रुपये मानसिक उत्पीड़न के हर्जाने के तौर पर देने होंगे।
दीपक कुमार की 4 साल की बेटी का एडमिशन नर्सरी कक्षा में दून वैली स्कूल जोहरी में हुआ था। कोरोना के चलते स्कूलों को बंद किया गया था। लेकिन, स्कूल ने उन पर 13 जुलाई 2021 को दबाव बनाया कि बच्ची को स्कूल लेकर आओ और परीक्षा की ब्लैंक कापी लेकर जाओ। इस पर दीपक कुमार ने बच्ची को स्कूल लाने से इनकार कर दिया और खुद ही स्कूल पहुंच गए।उनका आरोप है कि कोरोना नियमों के विपरीत स्कूल ने उन पर बार-बार बच्ची को स्कूल बुलाने का दबाव बनाया। उनको कापी भी नहीं दी गई। उनका कहना था कि जब स्कूल ऑनलाइन चल रहे हैं। सरकार ने कोरोना गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार बच्चों को स्कूल नहीं लाया जा सकता। फिर भी स्कूल प्रबंधन बार-बार बच्ची को स्कूल लाने के लिए कह रहा था।इससे परेशान होकर उन्होंने स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया, जिस पर उनके पक्ष में फैसला आया है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या अब शिक्षा विभाग स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेगा। नियमानुसार कोरोना गाइडलान के अनुसार अभिभावकों पर दबाव बनाना और बच्चों को स्कूल बुलाने पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन, इस स्कूल पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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