उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी श्याम प्रसाद खंतवाल ने डीएम विधायक कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार की जांच की मांग

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लैंसडाउन (पौड़ी गढ़वाल ) ।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के अलावा वर्षभर ज्यादातर समय में पेयजल की गंभीर समस्या बनी रहती है,तथा समय समय पर पहाड़ों में हो रही जल संबंधित समस्या कई मंचों पर उठ चुकी है व सरकार लगातार योजनाएं बनाकर गावों में पानी पहुंचाने की कोशिशें कर रही हैं।
पेयजल,सिंचाई आदि जल संबंधित योजनायें पहाड़ में जीवन यापन के लिए अति आवश्यक जरूरत है और सरकार की इन महत्वाकांक्षी योजनाओं में, भ्रष्टाचार इन सूखते हुए जल स्रोतों और उनसे जुड़ी योजनाओं की कमर ही तोड़ देते हैं,जिसका भुगतान क्षेत्रीय ग्रामीणों को पेयजल की गंभीर कमी के रूप में झेलना पड़ता है ।
ताजा मामला,विधानसभा लैंसडाउन के अन्तर्गत विकास खंड जयहरीखाल के ग्राम जाखमल्ला में दैवीय आपदा के नाम पर जल संस्थान कोटद्वार द्वारा फर्जी कार्य दिखाकर दो लाख से ज्यादा की रकम हड़पने का मामला सामने आया है। यह खुलासा सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी से हुआ।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी श्याम प्रसाद खंतवाल द्वारा बताया गया कि उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत् जानकारी मांगी थी,जिसमें ग्राम जाखमल्ला में हुए जल संस्थान कोटद्वार द्वारा दैवीय आपदा में वर्ष 2021-22 में 2 लाख,76 हजार और 521 रुपए के फर्जी बिल बनाकर यह कारनामा किया गया।
मुख्यमंत्री,विभागीय अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को लिखे शिकायती पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि गाँव जाखमल्ला में दैवीय आपदा नहीं आई है,तो किस जगह यह कार्य किया गया ?
जाखमल्ला गांव में एक साल से जल संस्थान का पानी नही आ रहा है,लेकिन जल संस्थान कोटद्वार पानी का बिल,हर महीने दे रही है।
जल संस्थान घुड़धार पेयजल योजना 50 साल पूरानी पेयजल योजना है ।घुड़धार पेयजल योजना का पानी केवल मंन्झोला, मलधार गांव तक ही आता है।
जाखमल्ला पानी के टैकं पर कोई कार्य नही हुआ है व पानी का टैंक नीचे से लिकेज हो रहा है। 50 साल पूराने पाइपों पर भी जंक लग गया लेकिन आज तक पाईप नहीं बदले गए।
जल निगम चिणबौं रौला स्रोत का पानी भी कभी कभार ही आता है।गाँव के लोग एक साल से पानी के लिए परेशान हैं।
श्याम प्रसाद खंतवाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इस योजना में बने फर्जी बिल और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को हटाने की मांग की तथा सरकारी फिटर की तैनाती की मांग की ।
इस विषय में जब विभागीय अधिकारी जल संस्थान एसके उपाध्याय से दूरभाष पर बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि यह कार्य उनके कार्यकाल से पूर्ववत के हैं तथा आरोप गलत हैं। बाकी जांच जरूर हो। पूर्ण जांच के बाद ही वे कुछ कह पाएंगे।

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