नैनीताल – मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा निर्गत आदेशों के क्रम में मा0 न्यायमूर्ति श्री0 मनोज कुमार तिवारी, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय/कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में सजा याफ्ता एवं सिद्वदोष कैदियों की रिहाई हेतु वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय समिति की बैठक आहुत की गई। जिसमें श्री0 नितिश झा, सचिव गृह, उत्तराखण्ड शासन एवं श्री0 ए0पी0 अंशुमान, महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखण्ड एवं श्री0 आर0 के0 खुल्बे, सदस्य सचिव, उत्तराखण्डराज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रतिभाग किया गया।
यह जानकारी देते हुए सदस्य सचिव उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आरके खुल्बे ने बताया कि इस बैठक में कोरोनाकाल के दौरान जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को देखते हुए 106 सिद्वदोष बंदियों एवं 685 सजा याफ्ता बंदियों को तीन माह के लिए पेरोल/अंतरिमजमानत देने की संस्तुति की गई। साथ ही कोरोना प्रोटोकाॅल एवं सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत दिशा निर्देशों का पालन करने हेतु भी कहा गया है।
सदस्य सचिव महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा यह आदेशित किया गया है कि जो कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं उनकी पूरी देखभाल की जाए तथा उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप छोड़ा जाए। समिति द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि जेलों में निरूद्व कैदियों के स्वास्थ्य की परस्पर जांच की जाए तथा उनके टीकाकरण पर जोर दिया जाए।उच्च स्तरीय समिति द्वारा उपरोक्त आदेशों का अनुपालन दो सप्ताह के अन्दर कर अनुपालन आख्या यथाशीघ्र समिति को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।