देहरादून-यहां पर देर रात बारिश ने अपना कहर बता दिया जिसकी वजह से पुस्ता टूटने से कई मकान टूट गए। ऐसे में देखा जा सकता है कि बारिश के मौसम में करीब एक दर्जन परिवार बेघर हो गए हैं, इनके सिर पर छत नहीं रही। ये हाल उस शहर का है, जिसे स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप किए जाने का दावा किया जा रहा है, ऐसे में दूसरे जिलों में मच रही तबाही का हम अंदाजा तक नहीं लगा सकते। घटना सत्तोवाली घाटी स्थित गांधीग्राम की है। जहां गुरुवार रात पुश्ता टूटने से करीब एक दर्जन मकान ध्वस्त हो गए। बेघर परिवारों को नगर निगम और सरकारी आश्रय स्थलों में शिफ्ट किया गया है। घटना की जानकारी मिलने पर मेयर सुनील उनियाल गामा जिला और पुलिस प्रशासन के साथ खुद मौके पर पहुंचे और प्रभावितों से बातचीत की। मेयर ने बताया कि पुश्ता टूटने की वजह से क्षेत्र के लगभग 50 से 60 घर नदी के बहाव की जद में आ गए हैं। इन पर खतरा बना हुआ है।विधायक हरबंस कपूर, महापौर सुनील उनियाल गामा और पार्षद मीनाक्षी सोनू कुमार दूसरे लोगों संग मिलकर प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं। पटेलनगर कोतवाली पुलिस टीम भी मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
दून में बारिश थोड़ा थमी रही, लेकिन बिंदाल नदी का जलस्तर नहीं थमा। रात होते-होते सत्तोवाली घाटी में पानी का कहर टूट पड़ा। बिंदाल में उफान के चलते सत्तोवाली घाटी में बने पुश्ते का बड़ा हिस्सा टूट गया। जिससे करीब एक दर्जन मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। 50 मकानों में काफी नुकसान हुआ। एहतियात के तौर पर आसपास के करीब 60 मकान खाली करा दिए गए हैं। प्रभावित परिवारों को धर्मशालाओं, सरकारी स्कूलों और रैन बसेरों में ठहराया गया है। मेयर सुनील उनियाल गामा और विधायक हरबंस कपूर भी देर रात तक प्रभावित स्थानों में डटे रहे और राहत कार्यों की जानकारी लेते रहे। सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए लोग पूरी रात रोते-बिलखते रहे। उनकी गृहस्थी का पूरा सामान पानी संग बह गया। उन्हें अब अपने आशियाने की चिंता सता रही है। और प्रशासन से बेघर हुए लोगों को उचित मुआवजा दिलाने की बात की जा रही है