
उत्तरकाशी जिले के नेलांग वैली में गरतांग गली को बदरंग करने का मामला सामने आया था। इस मामले को गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। पार्क प्रशासन ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया है। कुछ दिन पूर्व असामाजिक तत्वों ने यहां बनी लकड़ी की रेलिंग को कुरेद कर अपना नाम लिख दिया था।
गरतांग गली को 59 साल बाद खोला गया है। वर्ष 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान सुरक्षा कारणों के चलते इसे बंद कर दिया गया था। इसे पर्यटकों को खोलने से पहले गली में बने लकड़ी के पुल की मरम्मत की गई थी। लकड़ी के पुल की तख्तियां व रेलिंग जर्जर हो गई थी। लोनिवि ने करीब 600 मीटर लंबी लकड़ी के पुल को पूरी तरह नया बनाया है।
गरतांग गली पर्यटकों के लिए जब से खोली गई है, यहां हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। लेकिन बीते सात सितंबर को कुछ असामाजिक तत्वों ने यहां रेलिंग कुरेद कर अपना नाम लिख दिया था, जिससे गरतांग गली बदरंग हो गई थी। असामाजिक तत्वों के इस कृत्य से गंगोत्री पार्क प्रशासन भी सकते में है। बुधवार देर रात गंगोत्री पार्क प्रशासन ने इस संबंध में हर्षिल थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप पंवार का कहना है कि गरतांग गली में अव्यवस्थाएं फैलाने या नुकसान पहुंचाने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं हर्षिल थानाध्यक्ष संनीप पांडे ने बताया कि गंगोत्री पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ उत्तराखंड लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है। जल्द आरोपियों को तलाश कर लिया जाएगा।