
हल्द्वानी में भी देहरादून जैसा ट्रैफिक प्लान लागू होगा। सिग्नल क्रॉस करने, हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने पर कैमरों के जरिये ही चालान हो जाएगा। नंबर प्लेट स्कैन कर सिस्टम के जरिये चालान काटकर वाहन स्वामी के मोबाइल फोन पर मेसेज भेज दिया जाएगा। उसके साथ आने वाले लिंक पर क्लिक कर लोग चालान की राशि ऑनलाइन जमा कर पाएंगे।
इस व्यवस्था के लिए सबसे पहले जरूरी है कि शहर में सीसीटीवी का जाल बिछे। खासकर एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिक्गोनाइजेशन) कैमरों की संख्या बढ़े। अभी ऐसे छह कैमरे हैं। मार्च के आखिरी तक ऐसे आठ और कैमरे मिलने के बाद कुल संख्या 14 हो जाएगी। साथ में तीन दर्जन से ज्यादा साधारण कैमरे भी लगेंगे।
देहरादून में ऐसे हुई थी शुरुआत
मुंबई का एक व्यापारी पहाड़ घूमने आया। तब मोबाइल फोन एप के जरिये चालान किए जाते थे। नियमों का उल्लंघन करने पर उसका भी ऑटोमैटिक चालान कर दिया गया। व्यापारी घूमकर वापस मुंबई पहुंच गया। कुछ माह बाद उसे चालान की जानकारी हुई। दिक्कत थी कि चालान के दो हजार रुपये जमा कैसे हों। ऑनलाइन व्यवस्था के अभाव में मुंबई से किसी को भेजने पर जुर्माना राशि से ज्यादा खर्चा आने-जाने में होना था। मामला जब पीपीएस अधिकारी प्रकाश चंद्र (उस समय देहरादून में तैनात) के सामने पहंचा तो उन्होंने ट्रैफिक सिस्टम को बदला और दून को अलग से ट्रैफिक प्लान मिला। ऑटोमैटिक चालान और मेसेज के साथ पैसे जमा करने की ऑनलाइन सुविधा भी।
पहले चालान का कागज डाक से वाहन स्वामी के पास पहुंचता था। चालान का कागज मिला या नहीं, यह पता नहीं चल पाता था। अगर मिल भी गया तो यह जानकारी नहीं हो पाती थी कि चालान राशि जमा कर दी गई या नहीं। उत्तराखंड पर्यटक राज्य है और यहां आने वाले भी बाहर के लोग ज्यादा हैं। ऐसे में यह सब देखकर नए ट्रैफिक प्लान का क्रियान्वयन किया गया। -प्रकाश चंद्र, एसपी सिटी
अब तक साधारण समेत कुल सीसीटीवी कैमरे – 191
सीसीटीवी की बढ़ाई जाना है संख्या – 42
अभी एएनपीआर कैमरों की संख्या – 6
अभी सीएलआर कैमरों की संख्या – 70
यहां और लगेंगे सीसीटीवी
– कैंचीधाम के रास्ते पर बिछेगा सीसीटीवी का जाल।
– टीपीनगर के आउटर में भी लगेंगे सीसीटीवी।
– मुखानी चौराहा से कालाढूंगी रोड पर भी कैमरों की संख्या बढ़ेगी।
– गौलापार बाईपास पर भी बढ़ेंगे कैमरे।
इन नियमों पर होता है चालान
– सीट बेल्ट न पहनना
– हेलमेट न लगाना
– रेड सिग्नल को पार करना
– दोपहिया वाहनों पर तीन सवारी
– नाबालिग के वाहन चलाने पर
– रैश ड्राइविंग पर
– शराब पीकर वाहन चलाने पर
– निर्धारित स्पीड से ज्यादा पर वाहन चलाने पर
– नो पार्किग में वाहन खड़ा करने पर
यूयूएसडीए तैयार करेगी कंट्रोल सिस्टम
ऑटो ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की जिम्मेदारी उत्तराखंड शहरी सेक्टर विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) को दी गई है। यूयूएसडीए ने ठेकेदार कंपनी के साथ अनुबंध भी कर दिया है। एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने बताया कि यहां मौजूदा तहसील भवन के पास बहुउद्देश्यीय भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसी में ऑटो ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह पर 17 मुख्य जंक्शन होंगे। कैमरे इसी कंट्रोल सिस्टम से जुड़े होंगे। वहीं से चालान की सारी कार्यवाही होगी।