
लालकुआं। बिंदुखत्ता क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित तीन सूत्रीय मांग पत्र में राजस्व गांव की अधिसूचना जारी करने, पंचायती राज का लाभ देने एवं मालिकाना अधिकार देने के लिए सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की जोरदार मांग की है।
पांच दर्जन से अधिक संख्या में तहसील कार्यालय पहुंचे बिंदुखत्ता क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि वनाधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार बिंदुखत्ता को अभिलंब राजस्व गांव का दर्जा देने के लिए अधिसूचना जारी की जाए, क्योंकि वनाधिकार अधिनियम के तहत जिला स्तरीय समिति से तमाम औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए पत्रावली सचिवालय को भेज दी गई है, परंतु 9 माह से अधिक समय बीत जाने के उपरांत भी अधिसूचना जारी होने की कार्रवाई लंबित है, जिससे 80000 लोगों में असंतोष फैल रहा है, भेजें गये ज्ञापन में ग्रामीणों ने राजस्व गांव की अधिसूचना अभिलंब जारी करने, बिंदुखत्ता क्षेत्र को पंचायती राज का लाभ देने तथा बंदोबस्ती एवं मालिकाना अधिकार देने के लिए सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि अभिलंब उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्रवासी बृहद स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। तहसील के कर्मचारियों को ज्ञापन सौपने वालों में वनाधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, वरिष्ठ महिला नेत्री संध्या डालाकोटी, प्रमोद कॉलोनी, बलवंत बिष्ट, श्याम सिंह रावत, भगवान सिंह माजिला, रमेश गोस्वामी, दौलत सिंह कोरंगा, हरीश नाथ गोस्वामी, सोहन सिंह कार्की, मोहन कुड़ाई, पुष्कर दानू, रमेश कुमार, प्रदीप बथ्याल, हीरा सिंह बिष्ट, चंदन बोरा भुवन भट्ट, बसंत पांडे, पूरन सिंह परिहार, हरीश रौतेला, चंचल सिंह कोरंगा सहित भारी संख्या में पूर्व सैनिक एवं ग्रामीण मौजूद थे