आईएएस रामविलास यादव की गिरफ्तारी के बाद अब सरकार एक और बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। विजिलेंस ने कार्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण एवं कटान के साथ ही अनियमितताओं की शिकायत पर जांच करते हुए राज्य में तैनात तीन वरिष्ठ आईएफएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के पर्याप्त सुबूत पाते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए फाइल तैयार कर सचिवालय भेज दी है। एडीजी अमित सिन्हा ने बताया है कि पर्याप्त साक्ष्य कार्रवाई के लिए मिले हैं जिसमें इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध है जल्द ही इनके विरुद्ध फाइल पर मंजूरी प्राप्त होते ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि 9 नवंबर 2021 को शासन ने तीनों आईएफएस अफसरों के खिलाफ कैंपा योजना के तहत रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण की खुली जांच विजिलेंस को सौंपी थी। प्रारंभिक जानकारियां जुटाकर विजिलेंस ने 21 नवंबर 2021 को जांच शुरू की। विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में तीनों आईएफएस अफसरों के खिलाफ कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान व अतिक्रमण सहित निर्माण के पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था। विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने इस मामले में बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और गैरकानूनी ढंग से निर्माण को लेकर ओपन जांच किशन चंद सहित तीन आईएफएस अफसरों के खिलाफ विजिलेंस को बीते समय दी गई थी। जांच को मुकम्मल कर पूरे पर्याप्त सबूत साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गयी है। अब शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जानकारी के अनुसार आईएफएस किशन चंद, राजीव भरतरी और जेएस सुहाग तीनों अफसरों के खिलाफ शुरुआती जांच में कई सबूत विजिलेंस के हाथ लगे हैं, जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं। इतना नहीं रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में आरोपित अधिकारियों की पूरे मामले में भूमिका कई तरह से संदिग्ध पाई गई है। ऐसे में अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन से अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है।