आखिर क्यों कुख्यात के सामने बेबस जेल प्रशासन ?

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जिला कारागार के भीतर कुख्यात सुनील राठी और प्रवीण वाल्मीकि के एक कैदी को पीटने की चर्चाएं निकलकर बाहर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि राठी ने बैरक में बेड समेत कई सुविधाओं की मांग की।

मांग पूरी न होने के कारण राठी ने कैदियों पर अपना गुस्सा उतारा है। इस बीच जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य अवकाश पर चले गए। जिसको लेकर कई तरह की चर्चाएं भी बनी हुई हैं।

सवाल भी उठ रहा है कि यदि कैदी से मारपीट हुई है तो जेल प्रशासन ने एफआइआर दर्ज क्यों नहीं कराई। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि शिकायत आती है तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

कुख्यात सुनील राठी पिछले दिनों नाटकीय घटनाक्रम के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल से हरिद्वार जेल शिफ्ट हुआ है। उसके आते ही वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य ने आला अधिकारियों को पत्र भेजकर उसे प्रदेश की किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई संज्ञान नही लिया गया।

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अब जेल से कई तरह की चर्चाएं निकलकर बाहर आने लगी हैं। ऐसा बताया गया है कि जेल में राठी और उसके खास गुर्गे प्रवीण वाल्मीकि ने मिलकर कैदी के साथ मारपीट की। जेल स्टाफ के साथ अभद्रता की खबरें भी बनी हुई हैं। कई मामलों में तो जेल प्रशासन राठी के सामने बेबस नजर आ रहा है।

अधिकारी दबी जुबान से यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि राठी बैरक में बेड की सुविधा मांग रहा था, मना करने पर वह बंदियों पर अपना गुस्सा उतार रहा है, लेकिन राठी पर काबू पाने में जेल प्रशासन नाकाम दिख रहा है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि जेल में पहले से राठी का खास गुर्गा प्रवीण वाल्मीकि बंद है।

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राठी के आने के बाद दोनों की ताकत बढ़ गई है। वहीं, बागपत का भूमाफिया यशपाल तोमर भी इसी जेल में बंद है। तोमर की जुगलबंदी की खूब चर्चाएं हो रही हैं।

वहीं, बंदी की पिटाई का ताजा प्रकरण सामने आने के बाद जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य अवकाश पर चले गए। जेल का अतिरिक्त प्रभार रुड़की जेलर जेपी द्विवेदी को दिया गया है। कैदी की पिटाई के बारे में उनका कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है।

हरिद्वार जेल में बंद कुख्यात अपराधी सुनील राठी अपना दबदबा बनाने में लगा हुआ है। सुनील और प्रवीण वाल्मीकि ने मिलकर बीते दिन एक कैदी को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। जेल प्रशासन के साथ भी अभद्रता की है।

सूत्रों के मुताबिक सुनील राठी अपनी मांगे हरिद्वार जेल प्रशासन के सामने रख रहा था। लेकिन मांगे पूरी ना होने पर उसने प्रवीण वाल्मीकि के साथ अन्य अपराधियों को जोड़कर एक गैंग बना ली है। जो दूसरे कैदियों के साथ मारपीट और हरिद्वार जेल प्रशासन के कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते है।

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जेल में वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य के आने के बाद राष्ट्रीय और धार्मिक पर्व बड़े जोर शोर से मनाए जा रहे थे। सिनेमा हाल जैसे मनोरंजन के इंतजाम भी किए गए। प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में कैदी और जेल स्टाफ मिलकर भाग लेते थे, लेकिन राठी के जेल में आने के बाद पूरा माहौल ही बदल गया है।

अब जेल में सांस्कृतिक या मनोरंजन के कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं हो पा रहा है। दो दिन पहले अधीक्षक मनोज आर्य ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह से मिलकर भी अपनी व्यथा सुनाई थी।

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