साबिर साहब की दरगाह का रहस्य: क्यों महिलाएं चिल्लाने और झूमने लगती हैं? जानें

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साबिर साहब की दरगाह का रहस्य Piran kaliyar

उत्तराखंड का पिरान कलियर दरगाह सिर्फ आस्था और श्रद्धा का केंद्र ही नहीं, बल्कि रहस्य और अदृश्य शक्तियों का अड्डा भी मानी जाती है। कहा जाता है यह दरगाह न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि मुसीबत में फंसे लोगों के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनी हुई है।

साबिर साहब की दरगाह का रहस्य क्या है?

रुड़की से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित हज़रत साबिर साहब की इस दरगाह पर हर दिन हजारों श्रद्धालु चादर और फूल चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं। लेकिन यहां आने वाले सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं होते, बल्कि वे लोग भी होते हैं जिन पर भूत-प्रेत या किसी अदृश्य शक्ति का साया बताया जाता है।

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दरगाह में महिलाएं क्यों चिल्लाने और झूमने लगती हैं?

लोगों का कहना है कि दरगाह के आंगन में जब ‘हाज़िरी’ लगाई जाती है तो कई बार अजीब दृश्य देखने को मिलते हैं। खासकर महिलाएं अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगती हैं, झूमने लगती हैं और उनके भीतर से कोई दूसरी आवाज़ निकलने लगती है।

पिरान कलियर को क्यों कहते हैं ‘भूतों का डेरा’?

श्रद्धालु मानते हैं कि यह दरअसल जिन्न या भूत-प्रेत का असर होता है। यहां हाज़िरी देने के बाद यह साया कभी शांति से निकल जाता है, तो कभी अपने शिकार को यातना देकर दरगाह से विदा होता है। यही वजह है कि पिरान कलियर को लोग ‘भूतों का डेरा’ भी कहते हैं।

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mystery of Sabir Saheb's dargah
साबिर साहब की दरगाह

पीढ़ियों से परिवार यहां आते रहे हैं और आज भी मानसिक व आत्मिक पीड़ा से जूझ रहे लोग इस दरगाह (Sabir Saheb’s dargah haridwar) में राहत तलाशने पहुंचते हैं। आस्था और रहस्य का यही संगम इस दरगाह को और भी अनोखा बनाता है।

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