



विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर दिनांक 8 मई 2025 को राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा (अल्मोड़ा) में एक विचारगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के रेडक्रॉस नोडल अधिकारी डॉ. हेमन्त कुमार बिनवाल ने रेडक्रॉस संस्था के इतिहास, उद्देश्यों एवं वर्तमान प्रासंगिकता पर विस्तृत विचार प्रस्तुत किए।
डॉ. हेमन्त कुमार बिनवाल ने बताया कि रेडक्रॉस संस्था की स्थापना सन् 1863 में हेनरी ड्यूनैंट (Henry Dunant) द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य युद्ध एवं आपदा के समय पीड़ित मानवता की सेवा करना था। रेडक्रॉस का मूल उद्देश्य पीड़ितों को बिना किसी भेदभाव के सहायता प्रदान करना है। उन्होंने रेडक्रॉस के सात मूल सिद्धांतों- मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, सेवा, एकता एवं सार्वभौमिकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये सिद्धांत आज के सामाजिक परिवेश में और भी अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। वर्तमान समय में प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, युद्ध एवं अन्य संकटों के समय रेडक्रॉस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि रेडक्रॉस संगठन के प्रमुख कार्यों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, रक्तदान शिविर, आपदा प्रबंधन, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, एवं सामाजिक जागरूकता अभियान सम्मिलित हैं। डॉ. हेमन्त कुमार बिनवाल ने विद्यार्थियों एवं युवाओं से रेडक्रॉस के कार्यों में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा कि युवा शक्ति समाज में संवेदनशीलता एवं सेवा भावना को प्रोत्साहित कर सकती है।
प्राचार्य डॉ. रेनू जोशी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रेडक्रॉस संस्था मानव सेवा और करुणा का प्रतीक है। यह संस्था न केवल आपदा और युद्ध जैसी विषम परिस्थितियों में लोगों को राहत देती है, बल्कि शांति, सहानुभूति और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देती है। रेडक्रॉस संस्था के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सेवा कार्यों में सहभागिता से न केवल समाज का कल्याण होता है, बल्कि युवाओं में नेतृत्व क्षमता एवं संवेदनशीलता का भी विकास होता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण श्री सिद्धार्थ कुमार गौतम, श्री धर्मेंद्र सिंह नेगी, रेडक्रॉस सहायक नोडल अधिकारी रेनू असगोला सहित अन्य समस्त स्टाफ की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।