नैनीताल:- माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड एवं माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के तत्वाधान में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें माननीय कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को अध्यक्ष, माननीय प्रमुख सचिव एवं माननीय महानिदेशक जिला कारागार को सदस्य नामित किया गया है।
समिति द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सजायाफ्ता कैदी जो कि समिति द्वारा चयन किए गए हैं उनको 90 दिन के पैरोल दी जाएगी तथा उनको 90 दिन की अंतिरिम जमानत पर छोड़ा जाएगा। कोविड महामारी के दृष्टिगत पैरोल अवधि बढाने पर समिति द्वारा विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो कैदी बीमार है अथवा जिनके उपर 01 से अधिक मुकदमें है या एन.डी.पी.एस के मुकदमों के अन्तर्गत विचाराधीन है, जो विचारधीन बंदी 75 प्रतिशत सजा काट चुके हैं एवं जिनका व्यवहार उत्तम है उनको छोड़ने का निर्णय समिति की अग्रिम बैठक में लिया जाएगा। अंतरिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र जिला कारागार देहरादून के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के माध्यम से सम्बन्धित नयायालय को प्रेषित किए जाएंगे तथा न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा कि वह अभियुक्त को व्यक्तिगत मुचलके पर बिना जमानती छोड़ दें।
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून द्वारा पैरोल पर छुटे हुए कैदियों/बदिंयों को उनके गन्तव्य स्थान पर जाने हेतु जिला प्रशासन से सहयोग किया जाएगा। माननीय उच्च स्तरीय समिति के निर्देशानसुार महामारी के प्रथम चरण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2020 में जिला कारागार देहरादून में निरूद्ध 104 विचाराधीन बंदियों को अन्तरिम जमानत पर एवं 23 सिद्धदोष बंदियों को पैरोल पर विधिनुसार रिहा किया गया था।
जिला कारागार में निरूद्ध 07 साल से कम की सजा वाले बंदियों की सूची एवं जिला कारागार देहरादून द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण मांगा गया, जिसके क्रम में जिला कारागार देहरादून द्वारा अवगत कराया गया है कि 148 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर एवं 15 सिद्धदोष बन्दियों को पैरोल पर विधिनुसार रिहा किया जाना है।