एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के नाम पर अलग-अलग लोगों से 15 लाख की ठगी

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दून विवि में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन लोगों से करीब 15 लाख ठग लिए। निजी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर ने दो आरोपियों के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में केस कराया है। आरोप है कि दोनों ने खुद को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय दिल्ली में कार्यरत बताकर झांसे में लिया।

एसओ नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि नीरज अग्रवाल निवासी शांति विहार, अजबपुर कलां ने तहरीर दी। बताया कि वह निजी विवि में पूर्व में सहायक प्रोफेसर के पद पर नौकरी कर चुके हैं। दून विवि से 2019 में अर्थशास्त्र विषय के लिए एसोसिएट प्रोफेसर पद आवेदन मांगे थे। उन्होंने ने भी आवेदन किया। इस बीच पीड़ित का अपने पड़ोसी अर्जुन मखलोवा के जरिए अनिल गुनियाल निवासी कांडाई, पौड़ी गढ़वाल और प्रफुल्ल घनसाला से परिचय हुआ। दोनों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में कार्यरत बताया। दोनों ने पीड़ित से उनके आवेदन के बारे में जानकारी ली और चयन कराने का झांसा देते हुए 12 लाख मांगे। आरोप है कि पीड़ित ने छह लाख दे दिए। मई 2021 में लिस्ट जारी हुई तो पीड़ित का नाम नहीं था। दोनों से संपर्क करने पर वह फिर से पद नोटिफाई होने और भर्ती कराने का झांसा देते रहे। बाद में पीड़ित को पता लगा दोनों आरोपी जालसाजी करते हैं। वह इस तरह कई लोगों को ठग चुके हैं। पीड़ित ने पुलिस को बताया है कि आरोपी ने शिवपुर कोटद्वार निवासी बीर बाला नेगी से भी 3.50 लाख और अंतरिक्ष, निवासी शिवपुर कोटद्वार से 5.30 लाख रुपये लिए हैं। आरोप है कि प्रफुल्ल घनशाला शिक्षा मंत्रालय दिल्ली में नौकरी करता है। जबकि, दूसरा आरोपी उसकी सह पर इस तरह का काम करता है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है ।

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