पश्चिमी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार की शाम को एक बिल्डिंग में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई। जबकि 12 घायल हो गये। दमकल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि और लोगों के फंसे होने की आशंका है और बचाव अभियान जारी है। घायलों का इलाज संजय गांधी अस्पताल में चल रहा है।
दल्ली दमकल सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि शाम 4 बजकर 40 मिनट पर आग लगने की सूचना मिली थी। आग सबसे पहले मेट्रो स्टेशन के पिलर नं. 544 के पास लगी। शुरुआत में दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। बाद में, अन्य 14 को आग पर काबू पाने के लिए भेजा गया।
डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा कि 30 से ज्यादा दमकल वाहन और 100 से ज्यादा कर्मचारी मौके पर भेजे गए थे। ऐसा लगता है कि बिल्डिंग में ज्वलनशील पदार्थ इकट्ठा किए गए थे। इस कारण आग तेजी से फैल गई। अधिकांश शव पूरी तरह जले हुए थे।
उधर, एनडीआरएफ की एक टीम भी देर रात मौके पर पहुंची और राहत कार्यों को अंजाम दिया। बाद में कूलिंग ऑपरेशन भी शुरू किया गया। पुलिस ने बताया कि एक विशेष सूचना केंद्र बना दिया गया है ताकि लोगों को उनके परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों के बारे में जानकारी दी जा सके।
वहीं, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आग इमारत की पहली मंजिल से लगनी शुरू हुई जहां सीसीटीवी कैमरा और राउटर बनाने वाली कंपनी का ऑफिस था। पुलिस ने बताया कि कंपनी के मालिकों- हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया गया है। इमारत के मालिक की पहचान मनीष लाकरा के रूप में हुई है। इसने कहा कि वह इमारत के सबसे ऊपर वाले तल पर रहता था। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।
चश्मदीदों में से एक युवक ने बताया कि फैक्ट्री में 150 से ज्यादा लोग थे। सबसे पहले जनरेटर में शॉर्ट सर्किट हुआ उसके बाद सिलेंडर में आग लग गई। इस्माइल नाम के इस युवक की बहन उसी फैक्ट्री में काम करती थी। इसलिए वह अपनी बहन को बचाने फैक्ट्री गया था। इस दौरान उसका हाथ जल गया। इस्माइल का कहना है कि उसकी बहन मुस्कान अभी तक लापता है। लोगों ने मुंडका गांव में कमर्शियल बिल्डिंग होने पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यहां से अपनी व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाला मनीष लाकरा मुंडका गांव का ही रहने वाला है।