उत्तराखंड के पुरोला टौंस वन प्रभाग में हरे पेड़ काटने का मामला, डीएफओ, एसडीओ और तीन रेंजर सस्पेंड, आदेश जारीटौंस वन प्रभाग में वन विकास निगम को जारी किए गए लॉट में 788 आवंटित सूखे पेड़ों की आड़ में 108 अतिरिक्त हरे पेड़ काटे गए थे। मामला उजागर होने पर प्रमुख वन संरक्षक ने जांच के आदेश दिए थे।
उत्तरकाशी जिले के पुरोला टौंस वन प्रभाग में देवदार के हरे पेड़ों को काटे जाने के मामले में धामी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएफओ, एक प्रभारी एसडीओ और तीन रेंजरों को सस्पेंड कर दिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद प्रमुख सचिव वन ने इसके आदेश जारी किए हैं।
टौंस वन प्रभाग में वन विकास निगम को जारी किए गए लॉट में 788 आवंटित सूखे पेड़ों की आड़ में 108 अतिरिक्त हरे पेड़ काटे गए थे। मामला उजागर होने पर प्रमुख वन संरक्षक ने जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएफओ समेत तमाम अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई थी।
गढ़वाल चीफ के माध्यम से इस मामले की जांच वन संरक्षक यमुना वृत्त डॉ. विलन भार्गव की देखरेख में डीएफओ मसूरी वैभव कुमार और डीएफओ उत्तरकाशी डीपी बलूनी को सौंपी गई। दोनों अधिकारियों ने जो रिपोर्ट दी उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि जब कटान शुरू हुआ तो ठेकेदार के कर्मियों ने छपान वाले पेड़ छोड़ दिए और उनकी जगह दूसरे हरे और स्वस्थ पेड़ काट दिए। स्थानीय लोगों ने इस मामले का जो वीडियो वायरल किया है, उसमें साफ देखा जा सकता है, कितनी बुरी तरह से हरे पेड़ों का कत्लेआम किया गया है।