
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ के नाम से फर्जी व्हाट्सएप संदेश भेजकर रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षय प्रह्लाद कोंडे से 50 हजार रुपये की मांग करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच एक महीने तक चली, जिसके बाद साइबर सेल की मदद से आरोपियों की पहचान कर उन्हें बीकानेर से पकड़ा गया।
एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि 6 जनवरी को उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्हाट्सएप संदेश आया था। संदेश भेजने वाले ने खुद को उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ बताया और एक बैंक खाते में 50 हजार रुपये जमा करने को कहा। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान साइबर प्रकोष्ठ के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार भट्ट के नेतृत्व में बैंक खाते और मोबाइल नंबर की पड़ताल की गई। इससे महाराष्ट्र और राजस्थान के लिंक सामने आए। इसके बाद पुलिस टीमों ने इन राज्यों में डेरा डालकर छानबीन की। मोबाइल फोरेंसिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग कर अपराध में छह लोगों की संलिप्तता पाई गई।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान के बीकानेर से चार आरोपियों—राजू प्रजापत, ललित किशोर उपाध्याय, बलवान हुसैन और मोहम्मद अयूब—को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया है।
इस मामले का सफल खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसपी अक्षय कोंडे ने 2,500 रुपये और प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) ने 5,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस अब बाकी दो आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है