उत्तराखंड में राज्य योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है। प्रदेश में नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के गठन को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि हाल ही में कैबिनेट ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। ‘सेतु’ प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में थिंक टैंक की तरह काम करेगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त होंगे।
नागरिकों के विकास एवं कल्याण की सामाजिक एवं व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ‘सेतु’ एजेंडा तैयार करेगा। जन आवश्यकताओं के अनुसार, उनकी पूर्ति के लिए सक्रिय रहेगा। विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेगा। ‘सेतु’ सभी समूहों का समावेश करेगा और राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता के साथ पर्यावरण को बचाते हुए सतत विकास, सरकार के प्रत्यक्ष और उत्तदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। ‘सेतु’ राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिए समन्वय, सामुदायिक भागीदारी व नेटवर्किंग पर जोर देगा।