एक स्टिंग में नियुक्ति/अनुमोदन के लिये पैसा लेते हुये पकड़े गये शिक्षा विभाग पौड़ी के तत्कालीन सीईओ मदन सिंह रावत,डीईओ हरे राम यादव और पटल सहायक दिनेश गैरोला पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आख़िरकार मुक़दमा दर्ज करने के शासन स्तर से आदेश हो ही गये हैं
पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा उक्त सम्बन्ध में थाना पौड़ी में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी,बाद में फोरेंसिक जाँच में भी वीडियो की सत्यता की पुष्टि हो गयी थी,जिसके बाद एसएसपी पौड़ी द्वारा,मामला एडीजे लॉ एंड आर्डर को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया,जिसपर एडीजे लॉ एंड आर्डर ने सचिव गृह को उक्त मामला अग्रसारित कर दिया,सचिव गृह ने उक्त तीनों पर मुकदमा क़ायम करने हेतु सचिव माध्यमिक शिक्षा से अनुमति हेतु पत्र भेजा,जिसपर लम्बे समय तक सचिव माध्यमिक शिक्षा स्तर से अनुमति नहीं दी गयी।
इस बीच माननीय उच्च न्यायालय में इस मामले में जनहित याचिका भी दाखिल हुयी,जिसमें माननीय न्यायालय के लगातार निर्देशों के बावजूद सचिव माध्यमिक शिक्षा ने भ्रष्टाचार के तीनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति नहीं दी,जिसके बाद जनहित याचिका में सुनवायी करते हुये चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आर. सी. खुल्बे की डबल बेंच ने उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव को स्वयं मामले को देखने और भ्रष्टाचार के आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करने और अनुमति देने में विलम्ब करने वाले अधिकारियों को चिन्हित करते हुये उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही सुनिश्चित करने के कड़े आदेश जारी किये!
जिसके बाद सचिव माध्यमिक शिक्षा रविनाथ रामन ने सचिव गृह को आरोपी अधिकारियों एवं कर्मचारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की अनुमति प्रदान कर दी है,साथ ही अपने अधीनस्थ कुछ अधिकारियों को कार्यवाही में विलम्ब के लिये चिह्नित करते हुये,उक्त मामले में विलम्ब की जाँच हेतु अधिकारी को भी नामित कर दिया है।
उक्त अनुमति के प्राप्त होने पर एडीजे लॉ एंड आर्डर ने एसएसपी पौड़ी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पौड़ी के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत,जिला शिक्षा अधिकारी हरे राम यादव और पटल सहायक दिनेश गैरोला के ख़िलाफ़ मुक़दमा क़ायम करने के आदेश दे दिये हैं।जिसके बाद एसएसपी पौड़ी के आदेश पर थाना पौड़ी में उक्त आदेश के परिपालन की कार्यवाही गतिमान है।इस तरह जागो उत्तराखण्ड द्वारा उज़ागर किये गये शिक्षा विभाग पौड़ी के एलईडी घोटाले और अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति और अनुमोदन के नाम पर पैसे के लेन देन के आरोपी तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत समेत अन्य को पुलिस द्वारा जल्द गिरफ़्तार किया जा सकता है।