भ्रष्टाचार से जोड़ी गई अकूत संपत्ति के मामले में ईडी ने रिटायर्ड आइएएस रामबिलास को कस्टडी में लिया

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देहरादूनः भ्रष्टाचार से जोड़ी गई अकूत संपत्ति के मामले में रिटायर्ड आइएएस रामबिलास यादव की गिरफ्तारी के बाद ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शिकंजा और कस दिया है। ईडी की देहरादून शाखा ने रामबिलास को चार दिन की कस्टडी में लिया है। इस दौरान रिटायर्ड आइएएस से भ्रष्टाचार से अर्जित धन से जोड़ी गई संपत्तियों की कड़ी जोड़ी जाएगी। रामबिलास यादव उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव रहे।

सेवा के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सेवा के दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहते हुए भी वह तमाम आरोपों से घिरे रहे। 30 जून 2022 को रिटायर हुए रामबिलास यादव पर विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सात अप्रैल 2022 को मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही रिटायरमेंट से पहले 23 जून को रामबिलास को जेल भेजा गया था। तभी से वह देहरादून की सुद्धोवाला जेल में बंद है।

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विजिलेंस की एफआइआर को आधार बनाते हुए अक्टूबर 2022 में ईडी की देहरादून शाखा ने रामबिलास यादव के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। ईडी अधिकारियों ने एक जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2016 के बीच रामबिलास की सेवा के दौरान अर्जित की गई संपत्तियों व उनकी आधिकारिक आय का परीक्षण किया। पता चला कि उसने आय से 2626 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है।

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ज्ञात स्रोतों से उसकी आय 78 लाख, 51 हजार, 777 रुपये रही, जबकि कुल संपत्ति 21.40 करोड़ रुपये पाई गई। इस अवधि में उसके जायज खर्चों को काटकर भी 20.61 करोड़ रुपये आय से अधिक पाए गए। जांच के बाद से ही ईडी अधिकारी रामबिलास को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहे थे। यह प्रयास भी बीती 20 मई को पूरा कर लिया गया। इसके अलावा ईडी ने रामबिलास की चार दिन की कस्टडी भी प्राप्त कर ली है।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, कस्टडी के दौरान रामबिलास को शाखा के सेल में रखा जाएगा और भ्रष्टाचार से जोड़ी गई संपत्तियों पर पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही यादव की संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी। 2500 पन्नों की चार्जशीट में ‘साम्राज्य’ कहानी आय से अधिक संपत्ति समेत मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार किए गए रामबिलास के विरुद्ध विजिलेंस 2500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। अब तक जांच में यह पाया गया है कि रामबिलास ने लखनऊ में आलीशान भवन बनाया है। साथ ही भ्रष्टाचार से अर्जित धन से ट्रस्ट खड़ा किया, स्कूल बनाया और कई फ्लैट खरीदे। इस तरह की तमाम संपत्ति रामबिलास के खुद के और स्वजन के नाम पर दर्ज हैं।

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