– –
कृषि विभाग उत्तराखंड द्वारा गरीब किसानों यंत्रों पर 80% अनुदान राशि दी जाती है दूरदराज के किसानों को समाचार पत्रों के माध्यम से विभाग द्वारा अवगत कराया जाता है किंतु कुछ चुनिंदा दलालो द्वारा सांठ गांठ कर कृषि विभाग के पोर्टल को अपने मनमाने ढंग से चलाया जाता है। एक समय पर पोर्टल खुलने के पश्चात दलालो द्वारा अपने मन मुताबिक समयानुसार चलाया जाता है जिसकी जानकारी कुछ चुनिंदा बिक्रेताओं को दी जाती है। कि इस क्षेत्र का पोर्टल इस समय खुलेगा। पोर्टल खुलने का समय विज्ञापन में दोपहर 12 बजे दिया जाता है। जिससे किसान अपना बहुमूल्य समय निकालकर अपने नजदीकी CHC सेन्टर पर अपने यंत्रो की बुकिंग के लिए पहुँचते है। देर साय तक पोर्टल न खुलने पर वापस लोट जाते है। दूसरे दिन पहुँचने पर पता चलता है कि पोर्टल पर निर्धारित लक्ष्य पूर्ण हो चुका है। दलालो द्वारा पोर्टल रात्रि में चलाया जाता है। ओर अपने चुनिंदा अधिकृत विक्रेताओं को खुलने की समय की जानकारी दी जाती है। जिसमे एवज में उन्हे चुनिंदा विक्रेताओ द्वारा मोटी रकम दी जाती है। कृषको द्वारा उच्च अधिकारियो से बात की जाती है तो उच्च अधिकारी यह कहते हुवे अपना पल्ला झाड़ते है कि पोर्टल दिल्ली से चलता है। अगर देहरादून बैठे उच्च अधिकारी ध्यान दे तो इस पूरे सिडीकेंट का भंडा फूट सकता है। और जरूरत मंद कृषको को इसका लाभ मिल सकता है। और करोड़ो रुपये की मिलने वाली अनुदान राशी पात्र किसान को मिल सकती है। अगर सरकार इसकी निपक्ष जाँच कराये तो इसके तार पोर्टल चलाने वालो दिल्ली में बेठे उच्च अधिकारियों तक जायेगी।