समाज में हमारे आसपास जितनी अच्छाई है उतनी बुराइयां भी हैं। कई सारे लोग केवल मतलब के लिए रिश्ते बनाते हैं। बहन भाई के मासूम रिश्ते को तार-तार करने वाले एक मामले में आखिरकार किशोरी को न्याय मिला है। दरअसल किशोरी जिसे अपना भाई मानती थी, उसी ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। अब कोर्ट ने उसे 20 साल की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया की एक महिला ने रायपुर थाने में शिकायत दर्ज करते हुए बताया था कि पड़ोसी आरोपित धरासू निवासी दीपेंद्र पवार उनके घर में आता जाता रहता था। वह दीपेंद्र को अपना भाई मानती थी। इतना ही नहीं वे उस रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती थी। लेकिन 5 मार्च 2020 को दीपेंद्र ने सारी हदें पार कर दी।
जब किशोरी किसी के घर गई हुई थी तो वहां दीपेंद्र ने उसे अपने कमरे में बुलाया। इसके बाद आरोपित ने उसे उत्तेजित करने की दवा देकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। उसने किशोरी को जान से मारने की धमकी भी दी। जब 14 मार्च 2020 को आरोपित ने अपने एक साथी के साथ किशोरी को फिर परेशान किया तो उसने स्वजनों को पूरा मामला बता दिया।
अब इस मामले में किशोरी को न्याय मिल गया है। अतिरिक्त जिला व सेशन जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) अश्वनी गौड़ की अदालत ने सजा सुनाई है। आरोपित को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल की कैद और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही ये भी कहा है कि अर्थदंड जमा न करने की स्थिति में दोषी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।