कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजनीति से संन्यास लेने का मन बना लिया है. इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है ।साफ किया कि भारत जोड़ो यात्रा के एक महीने बाद वे स्थानीय और राष्ट्रीय परिस्थितियों का विवेचन कर अपना कर्म क्षेत्र और कार्यप्रणाली का निर्धारण करेंगे।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि अब थोड़ा विश्राम अच्छा है।हरीश रावत ने आगे कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस अभी नहीं लगता अपने को बदलेगी वे आशीर्वाद मांगने भगवान बद्रीनाथ के पास गए। भगवान के दरबार में मेरे मन ने मुझसे स्पष्ट कहा कि आप उत्तराखंड के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर चुके हो। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उत्तराखंडियत के एजेंडे को अपनाने और न अपनाने के प्रश्न को अब उत्तराखंड वासियों और कांग्रेस पार्टी पर छोड़ो।
हरीश रावत ने कहा है कि हरिद्वार के प्रति मेरा कृतज्ञ मन अपने सामाजिक, सांस्कृतिक व वैयक्तिक संबंधों व निष्ठा को बनाए रखने की अनुमति देता है मैं अपने घर गांव व कांग्रेसजनों को हमेशा उपलब्ध रहूंगा. पार्टी की सेवा हेतु मैं दिल्ली में एक छोटे से उत्तराखंडी बाहुल्य क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दूंगा. पार्टी जब पुकारेगी मैं, उत्तराखंड में भी सेवाएं देने के लिए उत्सुक बना रहूंगा। फिलहाल हरीश रावत के सोशल मीडिया पर दिए गए इस बयान के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है।