आयुष्मान योजना में अब बड़े अस्पतालों (Superspeciality Hospital) की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें सभी बीमारियों का इलाज करना होगा।
बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के 240 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिसमें 134 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। जानकारी के अनुसार कई बड़े अस्पतालों ने योजना में एक या दो स्पेश्लिटी की सेवाओं के लिए सूचीबद्ध किया हुआ है। जबकि अस्पताल में अन्य कई स्पेश्लिटी संचालित हो रही है। ऐसे में अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा ऐसे अस्पतालों को योजना से बाहर किया जा रहा है जो सभी बीमारियों का इलाज नहीं कर रहे हैं। योजना में सूचीबद्ध होने वाले अस्पतालों को अपने अस्पताल में उपलब्ध सभी स्पेश्लिटी गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को उपलब्ध करानी होंगी।
वहीं, आयुष्मान भारत और राज्य के अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों के इलाज के लिए बायोमैट्रिक और रेफरल व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है। अब अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती होने वाले गोल्डन कार्ड धारक मरीजों की बायोमैट्रिक की जाएगी। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों से रेफर भी कराना होगा।
अब प्रदेश में इस योजना में सूचीबद्ध 240 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को भर्ती करने पर बायोमैट्रिक लगानी जरूरी होगी। जिससे यह पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति का गोल्डन कार्ड बना है, उसी व्यक्ति का इलाज किया जा रहा है।राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि आयुष्मान योजना में पारदर्शिता लाने के लिए बायोमैट्रिक और रेफर कराने की व्यवस्था लागू की गई है। कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पतालों में भीड़ को कम करने के लिए बायोमैट्रिक और रेफर कराने की व्यवस्था में छूट दी गई थी। लेकिन अब कोरोना संक्रमण थम गया है इसलिए दोनों व्यवस्थाआंे को फिर से बहाल कर दिया गया है।