बेस चिकित्सालय श्रीनगर में 24 अप्रैल से लगेगी न्यूरोलॉजिस्ट की ओपीडी, पहाड़ के मरीजों को मिलेगी राहत

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श्रीनगर: मूत्र रोग संबंधी मरीजों को अब इलाज के लिए देहरादून या ऋषिकेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में ही पहाड़ के मरीजों को न्यूरोलॉजिस्ट से संबंधित बीमारियों का इलाज मिल जाएगा. बेस चिकित्सालय में 24 और 25 अप्रैल को न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. हरेन्द्र गुप्ता एमसीएच (न्यूरोलॉजिस्ट) ओपीडी शुरू करने जा रहे हैं. यह ओपीडी हर सप्ताह के बुधवार और गुरुवार को बेस चिकित्सालय में पूर्वाह्न 11.00 बजे से लगेगी.

बता दें कि अब तक मेडिककल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में न्यूरोलॉजिस्ट की सेवाएं नहीं थी, किंतु अब ओपीडी शुरू होने से गढ़वाल क्षेत्र के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा और मूत्र व गुर्दा संबंधी रोगों का इलाज बेस चिकित्सालय में मिलना शुरू हो जाएगा.

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प्रदेश सरकार की पहल पर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, काफी समय से बेस चिकित्सालय में न्यूरोलॉजिस्ट की मांग की जा रही थी. क्योंकि गढ़वाल के चार जिलों में न्यूरोलॉजिस्ट से संबंधित बीमारियों के लिए ऋषिकेश और देहरादून का रुख करना पड़ता था. हालांकि अब मरीजों को ऋषिकेश या देहरादून नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि हर हफ्ते बुधवार और गुरुवार को बेस हॉस्पिटल में एमसीएच न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. हरेन्द्र गुप्ता अपनी सेवाएं देंगे.

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डॉ. हरेन्द्र गुप्ता दिल्ली और उत्तराखंड के कई सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. डॉ. हरेन्द्र गुप्ता की पहली ओपीडी 24 अप्रैल से बेस चिकित्सालय में लगने जा रही है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि बेस चिकित्सालय में न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर (डॉ.) हरेन्द्र गुप्ता एमसीएच हफ्ते में दो दिन बुधवार और गुरुवार को मरीजों के लिए ओपीडी चलाएंगे. जिसके लिए जनरल सर्जरी ओपीडी के पास ही न्यूरोलॉजिस्ट की ओपीडी शुरू होगी.

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उन्होंने कहा कि ओपीडी के साथ-साथ जरूरत होने पर ऑपरेशन की भी सुविधा प्रदान होगी, जिसके लिए ओपीडी कक्ष से लेकर ओटी तैयार की जा रही है. मूत्र व किडनी से संबंधित मरीज ओपीडी में पहुंचकर सलाह उपरांत स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं.

चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजेय विक्रम सिंह ने व्यवस्था पूरी कर दी है. उन्होंने कहा कि मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. बेस हॉस्पिटल में बड़ी संख्या मूत्र व किडनी मरीजों की संख्या बढ़ रही है

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