उत्तराखंड में अपणी सरकार के तहत ऑनलाईन दी जा रही सभी 427 सेवाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचने और इसके प्रचार प्रसार के लिए अभियान चलाया जाए। साथ ही, ई-ऑफिस का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। जिससे पेपरलेस ऑफिस की ओर उन्मुख हों। यह निर्देश उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने देहरादून स्थित सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बैठक में अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित कर कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी फोकस किए जाने की बात कही। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपणी सरकार ऐप को यूजर फ्रेंडली और स्मार्टफोन फ्रेंडली बनाया जाए, जिससे सभी इसका प्रयोग आसानी से कर सकें। उन्होंने कहा कि इस ऐप के जरिए आमजन घर बैठे क्या-क्या कार्य करवा सकते हैं, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए, जिससे लोग इसका प्रयोग कर सकें।
मुख्य सचिव ने स्वान के जरिए निर्बाध कनेक्टिविटी को बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में 1246 टॉवर लगाए जाने पर तेजी से कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारियों को टावर के लिए भूमि चिन्हीकरण के कार्य में तेजी लाए जाने को भी कहा है। उन्होंने आईटीडीए और बीएसएनएल को नेटवर्क की 100 प्रतिशत कवरेज के लिए मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों पर विशेष फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने आईटीडीए सीएएलसी की ओर से कराए जा रहे कोर्स के साथ इसका सर्टिफिकेट दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर को बढ़ावा देते हुए ड्रॉन रिपेयर प्रोग्राम भी चलाए जाने को कहा साथ ही डिजीलॉकर में अधिक से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट डिजीलॉकर में उपलब्ध कराए जाएं। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की बैठक
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। जिसमें मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को स्वीकृत लक्ष्य के सापेक्ष अगले एक सप्ताह में सभी प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, जिससे समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने और विभागीय सचिवों को आरआईडीएफ के तहत प्रस्तावों को विभागीय कैलेंडर से जोड़ते हुए स्वीकृति से लेकर डिस्बर्शमेंट तक निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराए जाने के अधिकारियों को निेर्देश दिए। उन्होंने प्रोजेक्ट कम्प्लीशन रिपोर्ट्स भी शीघ्र जमा कराए जाने को भी कहा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, वीवीआरसी पुरूषोत्तम एवं रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।