जोशीमठ का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एक जनहित याचिका दायर की है। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जाहिर की है। पीआईएल में आदि गुरु शंकराचार्य के ज्योतिर्मठ के भी भूधंसाव की चपेट में आने का जिक्र किया गया है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है।
उधर ज्योतिर्मठ परिसर के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। परिसर के भवनों, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।