सीएम तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीसरी लहर के बचाव के दृष्टिकोण से चल रही तैयारी की समीक्षा की

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प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोविड नियंत्रण, कोविड वैक्सिनेशन, व डेंगू के प्रभावी नियंत्रण तथा कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत की गयी तैयारियों आदि के संबंध में समीक्षा बैठक ली। मा0 मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगो की सैपलिंग की जाय, एवं जिन गांवों एवं कस्बों में संक्रमितों की संख्या अधिक पायी जा रही हैं, उनके आस-साफ क्षेत्रों के सभी लोगो की शत-प्रतिशत सैपलिंग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत पर्वतीय जिले यह सुनिश्चित कर ले कि ऑक्सीजन की किसी भी प्रकार की कमी न हो इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारी इसकी व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित कर ले। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए, जिसमें बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावको के रहने आदि की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाय, जिसके लिए पीएचसी एवं सीएचसी स्तर तक सभी चिकित्सालयों में आवश्यकीय उपकरण तथा दवाईयों आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। मा0 मुख्यमंत्री द्वारा सभी जनपदों को निर्देश दियें गयें कि निजी अस्पतालों द्वारा निर्धारित किया गया शुल्क ही लिया जाय, यदि किसी निजी अस्पताल द्वारा उपचार आदि के लिए अधिक शुल्क लिया जाता हैं कि तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाय, जिसके अंतर्गत उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त करना आदि जैसी कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी रोकथाम हेतु टेस्टिंग और ट्रैकिंग सबसे अहम कार्य हैं जिसका कोई और विकल्प नहीं है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि आई0ई0सी0 के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार करें साथ ही मोबाइल टेस्टिंग वैन/मोबाइल टैस्टिंग लैब के माध्यम से गाँव-गाँव मे जाकर टेस्टिंग की जाय, तथा दवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के साथ-साथ डेंगू भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है। इस दौरान डेंगू के बचाव उपायों व उपचार की भी समीक्षा की गयी तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होने कहा कि छोटी छोटी युक्तियों को अपनाकर डेंगू रोग को नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू को कन्ट्रोल करने के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्र में घरों के साथ-साथ सड़क, गली, मोहल्ला व सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होने वाले पानी की सफाई की जाए।इसके लिए लोगो के बीच जन जागरूकता फैलाये। इसके लिए अस्पतालों में अलग वार्ड बनाये। नगरों में नगर निगम व नगर पालिका द्वारा व ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम समिति/पंचायत समिति सफाई अभियान चलाए।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने अवगत कराया कि आईवरमैक्टीन दवाई का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में 77 प्रतिशत हो चुका है, शहरी क्षेत्रों में दवाई के वितरण को बढ़ाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, शीघ्र ही आईवरमैक्टीन दवाई का वितरण शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होने बताया कि दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होने बताया कि नीति आयोग के सहयोग से एलडी भट्ट चिकित्सालय काशीपुर हेतु एक सिटी स्कैन मशीन के लिए धनराशि प्राप्त हो चुकी है, सिटी स्कैन मशीन लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही गतिमान है। जिलाधिकारी ने बताया कि नागरिक चिकित्सालय खटीमा में सिटी स्कैन मशीन जिला योजना के बजट से लगाया जाना सुनिश्चित किया गया है, जिसकी प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। उन्होने बताया कि जनपद के सभी सीएचसी में सीएसआर के सहयोग से आॅक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य भी चल रहा है। उन्होने ढेंगू संक्रमण की रोकथाम हेतु नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों मे कीटनाशक का छिड़काव नियमति रूप से करना सुनिश्चित करें। उन्होने जनपद में कोवडि-19 एवं डेंगू की रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यो के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

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इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुवंर, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 डीएस पंचपाल, एसीएमओ डा0 अविनाश खन्ना, डाॅ0 हरेन्द्र मलिक, आदि उपस्थित थे।

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