देवभूमि की बेटी कर्नल गीता बनी भारतीय सेना में पहली महिला कमांडर

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देवभूमि उत्तराखंड ने विगत कुछ सालों में बड़ा नाम कमाया है। यहां की प्रतिभाओं को राज्य का मान बढ़ाया है। हमेशा ही भारत मां की रक्षा के लिए तत्पर रहने वाले उत्तराखंड को एक और उपलब्धि मिली है। अब देवभूमि की बेटी एक महिला अधिकारी के रूप में पहली सैन्य कमांडर मिली हैं।

जी हां कर्नल गीता राणा नेगी पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सटे क्षेत्र में तैनात स्वतंत्र फील्ड बटालियन (कोर आफ इंजीनियर की बटालियन) की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं। बता दें मूलरूप से कर्नल गीता का परिवार पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा ब्लाक अंतर्गत ग्रामसभा खोलकंडी के तोकग्राम डंगू का रहने वाला है। उनके पिता कृपाल सिंह राणा सेना की महार रेजीमेंट से आनरेरी कैप्टन रैंक से रिटायर हुए हैं।

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उत्तराखंड के लिए गर्व की बात यह है कि भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी बतौर कमांडर इस तरह की कमान सौंपी गई है। कर्नल गीता वर्तमान में कोर आफ इलेक्ट्रानिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स में तैनात हैं। ओटीए परीक्षा पास की व प्रशिक्षण के बाद सितंबर 1999 में उन्हें इलेक्ट्रानिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स में तैनाती मिली। कर्नल गीता का विवाह चमोली जिले के नारायणबगड़ के केवर तल्ला गांव निवासी सिद्धार्थ नेगी से हुआ है। कर्नल गीता को कमांडर की जिम्मेदारी मिलने की सूचना के बाद से ही नाते-रिश्तदार खुश हैं। पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र के पदमपुर में रह रहे चाचा आरनेरी कैप्टन जगदीश राणा व कोटला निवासी मोहन सिंह नेगी ने अपनी बेटी की इस सफलता पर खुशी जताई है। कर्नल गीता को सेना में बतौर पहली महिला कमांडर की जिम्मेदारी मिलने पर उनके चमोली जिले में स्थित ससुराल केवर तल्ला क्षेत्र में खुशी की लहर है

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