कोटेश्वर में स्टील गार्डर ब्रिज तैयार, केदारनाथ हाईवे के पुल को ट्रीटमेंट की दरकार

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रुद्रप्रयागः कोटेश्वर में अलकनंदा नदी पर 46 मीटर स्पान का स्टील गार्डर पुल बनकर तैयार हो गया है. इसके निर्माण से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के धनपुर और तल्लानागपुर पट्टी के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की जिला मुख्यालय तक की राह आसान हो गई है.

अब उन्हें बदरीनाथ हाईवे से होकर कलेक्ट्रेट पहुंचने के लिए 6 किमी की लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. उधर, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी पर बने पुल को ट्रीटमेंट की दरकार है.

दरअसल, साल 2018 में कोटेश्वर मंदिर समेत खुरड़, बेला क्षेत्र को बदरीनाथ हाईवे और धनपुर व तल्लानागपुर के गांवों को जोड़ने वाला झूलापुल क्षतिग्रस्त हो गया था. इस पुल के टूटने से धनपुर क्षेत्र के बदरीनाथ हाईवे से लगे तिलणी, लमेरी, सुमेरपुर, रतूड़ा समेत रानीगढ़ व तल्लानागपुर पट्टी के गांवों का कोटेश्वर मंदिर से सीधा संपर्क टूट गया था.

ये ग्रामीण बीते पांच सालों से रुद्रप्रयाग होते हुए 6 किमी का लंबा फेर लगाकर मंदिर पहुंच रहे थे, लेकिन अब अलकनंदा नदी पर लोक निर्माण विभाग ने 46 मीटर स्पान का स्टील गार्डर पुल तैयार कर लिया है.

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इन दिनों पुल से रुद्रप्रयाग-चोपता मोटर मार्ग एप्रोच मार्ग तैयार किया जा रहा है. जबकि पुल से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग तक एप्रोच मार्ग बन गया है. इस पुल के बनने से तिलणी समेत अन्य गांवों के लोगों की जिला मुख्यालय, विकास भवन, कोटेश्वर अस्पताल तक पहुंच आसान हो गई है.

दोपहिया वाहन से यह दूरी बमुश्किल पांच-छह मिनट में पूरी हो जाएगी. लोनिवि रुद्रप्रयाग के सहायक अभियंता अरविंद सतवरिया ने बताया कि कोटेश्वर में अलकंनदा नदी पर 85 लाख 93 हजार की लागत से स्टील गार्डर पुल का निर्माण पूरा हो चुका है. सुरक्षा के लिए पुल के दोनों तरफ जाली लगाई जानी है. जल्द ही पुल से आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.

रुद्रप्रयाग का पुल जर्जर, चारधाम यात्रा सिर पर अभी तक नहीं हुआ ट्रीटमेंटःकेदारनाथ धाम के अलावा केदारघाटी के गांवों को जोड़ने के लिए रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में अलकनंदा नदी के ऊपर बना 60 मीटर लंबा पुल जर्जर स्थिति में है.

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इतना ही नहीं पुल पर अक्टूबर महीने से भारी वाहनों की आवाजाही भी बंद है. अप्रैल महीने से चारधाम यात्रा शुरू होनी है, लेकिन पुल का ट्रीटमेंट अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले पुल का ट्रीटमेंट नहीं होता है तो जहां रुद्रप्रयाग में वाहनों का दबाव बढ़ने से जाम की स्थिति पैदा होगी.

वहीं, चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को कई किमी का अतिरिक्त सफर तय करना होगा. बता दें कि रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में 60 के दशक में 60 मीटर लंबे मोटर पुल का निर्माण हुआ था.

चारधाम यात्रा के चलते रुद्रप्रयाग में वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण इस पुल को बदरीनाथ हाईवे से केदारनाथ हाईवे पर बाईपास के रूप में भी जोड़ा गया. बीती 16-17 जून 2013 की आपदा के समय इस पुल को भारी क्षति पहुंची थी. आपदा के समय नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने लग गया था. आपदा के बाद भारी वाहन चलने से पुल कांपने लग जाता था.

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साल 2022 में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा पर रिकॉर्ड संख्या में यात्री पहुंचे. यात्रियों के अलावा हजारों की संख्या में इस पुल से होकर वाहन भी गुजरे. जिससे पुल की स्थिति और जर्जर हो गई.

अक्टूबर 2022 में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी. पांच महीने का समय गुजर चुका है, लेकिन पुल का ट्रीटमेंट अभी तक नहीं हो पाया है. भारी वाहन कई किमी का अतिरिक्त सफर करके केदारघाटी में आवाजाही कर रहे हैं. वहीं, यात्रा सीजन में परेशानी बढ़ने की आशंका है.

रुद्रप्रयाग के बेलणी में अलकनंदा नदी पर पुल के ट्रीटमेंट को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है. केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले यह कार्य कर लिया जाएगा. इसके अलावा नए पुल के निर्माण को लेकर भी कार्रवाई चल रही है. -मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग

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