हल्द्वानी
मानसून अवधि में सम्भावित आपदा से निपटने की तैयारियों को लेकर मण्डलायुक्त दीपक रावत ने मण्डल के सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और रेखीय विभागों के अधिकारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि आपदा से पूर्व ही सुरक्षात्मक उपाय किये जाए जिससे आपदा के प्रभाव को न्यून किया जा सके। समस्त विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर आपदा से पूर्व समस्त तैयारियां सुनिश्चित करे व विभाग एलर्ट मोड़ में रहकर कार्य करें ।
मण्डलायुक्त ने कहा कि सभी जनपदों के विद्यालय, घरों, सड़क के किनारे व भवनों के आस पास खड़े सूखे पेड़, जिनकी आंधी-तूफान से गिरने की संभावना है। ऐसे पेड़ो की लौपिंग की जानी जाती आवश्यक है। इसके लिए विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 15 जून से पहले ही लौपिंग व चॉपिंग का कार्य हर हाल में पूर्ण कर लिया जाय। पेड़ो की लौपिंग हेतु आमजन सम्बंधित उपजिलाधिकारी व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र पर भी दूरभाष के जरिये सूचित कर सकते है। इसके लिए मण्डलायुक्त ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को 15 जून तक हर हाल में पेड़ो की लौपिंग करवाने के निर्देश दिए। कहा कि इसकी रिपोर्ट भी विभाग द्वारा प्रस्तुत की जाय कितनी लॉपलिंग की जानी थी व कितने की गई। इसके साथ ही विद्युत ट्रेप, शार्ट सर्किट की समस्या हेतु पर्याप्त संख्या में पोल, ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मण्डलायुक्त ने वीसी में मण्डल के संवेदनशील व स्लाइडिंग स्थलों पर राष्ट्रीय राजमार्ग व लोनिवि के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर चेतावनी के साइनेज लगाने के निर्देश दिए। कहा कि साइनेज के लगने से सड़क मार्ग से यात्रा करता हुआ व्यक्ति को दूर से ही ऐसे स्थलों की जानकारी हो जायगी व दुर्घटनाओं पर रोकथाम लगेगी। । नैनीताल, उधमसिंह नगर व टनकपुर के डूबने वाले क्षेत्रों मे आईपी कैमरा स्थापित करने के निर्देश दिए जिससे पानी का बढ़ने पर तुरंत कार्यवाही की जा सके। नगर निगम को नालों की सफाई , स्वास्थ्य विभाग को सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्प दंश के इंजेक्शन की आपूर्ति, जिला आपूर्ति एवम खाद्य विभाग को दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति कराने के निर्देश दिए।
मण्डलायुक्त ने कहा कि आपदा के दौरान किसी भी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा लापरवाही करने पर गंभीरता से लिया जाएगा व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सम्बन्धित के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। आपदा के दौरान पशुओं के घायल होने पर उन्हें भी उपचार हेतु पशु अस्पताल सुगमता व समय से लाया जा सके इसके लिए हर जिले में एनिमल रेस्क्यू वैन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। समस्त थानों व तहसीलो में आपदा राहत एवम बचाव के उपकरण हर हाल में क्रियाशील रहने चाहिए।