उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन सख्त हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में जहां एक ओर शैक्षिक सत्र 2023-24 अप्रैल से प्रारम्भ हो गया है तो वहीं प्राइवेट स्कूलों द्वारा छात्र – छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को सिलेबस के नाम पर लूटा जा रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने इस मनमानी और लूट पर अंकुश लगाते हुए बड़ा आदेश जारी किया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार आई०सी०एस०ई० बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को छोड़कर अन्य समस्त विद्यालयों में लागू की जा रही पुस्तकें पूर्णतः एन०सी०ई०आर०टी०/ सी०बी०एस०ई० पाठ्यक्रम आधारित होनी आवश्यक है। उक्त विद्यालयों में पाठ्यक्रम के अनुरूप आवश्यक होने पर अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें इस शर्त के साथ लागू की जा सकती है कि उनका मूल्य एन०सी०ई०आर०टी० की पुस्तकों के मूल्य के समान या लगभग इसके बराबर हो। साथ ही पुस्तकें सी०बी०एस०ई० के पाठ्क्रय एवं दिशा-निर्देशों / एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यक्रम एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप होनी चाहिये।
बताया जा रहा है कि विभिन्न माध्यमों से विभाग को अभिभावकों एवं जनसामान्य से शिकायतें प्राप्त हो रही है कि राज्य में संचालित विभिन्न बोर्ड के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त विद्यालयों में लागू की गयी पाठ्य पुस्तकों की दरें अत्यधिक है, जिससे अभिभावकों पर अनावश्यक व्ययभार पड़ रहा है। ऐसे में सिलेबस को लेकर विभाग की ओर से ये आदेश जारी किया गया है।