जिलाधिकारी ने सकारात्मक पहल पर बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु बेटियों को बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं योजना के अन्तर्गत 156 बेटियों को पुलिस भर्ती का 01 माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खेल विभाग के आडिटोरियम में चल रहे प्रशिक्षण में रविवार को प्रदेश के समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री चन्दन राम दास, विधायक सुरेश गढिया ने प्रशिक्षण में सिरकत कर बेटियों की हौसला अफजार्इ की। पुलिस से सेवानिवृत्त जीवन चन्द्र पाण्डे, सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही कविता पाण्डे व विवेक द्वारा बेटियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण फीडबैक कार्यक्रम का कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास, विधायक सुरेश गढ़िया, जिलाधिकारी विनीत कुमार व अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। बेटियों को संबोधित करते हुये कैबिनेट मंत्री श्री दास ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचावों-बेटी पढ़ाओं को जनपद में मूर्त रूप देने के लिये जिलाधिकारी को कार्यक्रम अधिकारी को बधार्इ दी। उन्होंने कहा कि बेटियों के लिये सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अलग से भर्तियॉ निकाली है इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि बेटियॉ पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें तथा फिजिकल व लिखित परीक्षा हेतु पूर्ण तैयारी करें। उन्होंने कहा मेहनती सफलता की कुंजी है। उन्होंने परीक्षा हेतु बेटियों को शुभकामनायें दी।
विधायक सुरेश गढ़िया ने बेटियों को संबोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री के बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं नारे को बागेश्वर में साकार करने के लिये जिलाधिकारी को बधार्इ दी। उन्होंने बेटियों से कहा जो भी कार्य करें उसे पूर्ण मनोयोग से करें तभी लक्ष्य प्राप्त होता है।
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि जनपद की 156 बेटियों को पुलिस प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर ब्लॉक के 57 व गरूड़ ब्लॉक के 59 बेटियों को 01 माह का शारीरिक एवं लिखित परीक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कपकोट ब्लॉक में प्रशिक्षण हेतु 40 पंजीकृत बेटियों को आगामी 23 तारीख से प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट को बेटियों को पुलिस प्रतियोगिता पुस्तक भी देने के निर्देश दिये। उन्होंने बेटियों से संवाद करते हुये प्रशिक्षण संबंधी फीडबैक लिया। उन्होंने बेटियों से अपने परीक्षा अनुभव शेयर करते हुये कहा कि परीक्षा हेतु मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ ही विषय के बेसिक फाउण्डेशन भी मजबूत होनी चाहिए ताकि विषय की पूर्ण जानकारी हो जाय। उन्होंने कहा परीक्षाओं में पढ़ार्इ के साथ ही टार्इम मेनेजमेंट भी अनिवार्य है। सैल्फ कान्फीडेंश ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा विषय ज्ञान के साथ ही जनरल नोलेज की भी तैयारी करें, तथा पूर्व वर्षों के पुलिस परीक्षा प्रश्नपत्रों में आये प्रश्नों को भी सॉल्व(समाधान) करें। उन्होंने कहा पुलिस भर्ती में 100 नम्बर का फिजिकल व 100 नम्बर का लिखित परीक्षा होती है इसलिये बालिकायें शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही लिखित परीक्षा का भी पूर्ण मनोयोग से तैयारी करें। उन्होंने बेटियों से संवाद करते हुये प्रशिक्षकों द्वारा दी जा रही शारीरिक एवं लिखित प्रशिक्षण की जानकारी ली जिस पर बेटियों ने बताया कि प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें अच्छा प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उनका मनोबल बढ़ा है। उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए बेटियों से कहा कि उन्हें कोर्इ भी परेशानी हो तो वे उन्हें कार्यालय में आकर कह करते है। उन्होंने बेटियों को शुभकामनायें देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की व प्रशिक्षकों द्वारा दिये जा रहे प्रशिक्षण पर संतोष व्यक्त किया।
पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बेटियों से अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा प्रदेश स्तर की होती है इसलिये पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें व अपना मोरल हार्इ रखें। उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा हेतु नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करना, खाने-पीने का ध्यान रखना व समय प्रबन्धन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि फिजिकल के साथ ही लिखित परीक्षा की तैयारी मनोयोग से करें। उन्होंने कहा पुलिस लार्इन में भी प्रशिक्षण हेतु बेटियॉ आ सकती है। वाहन की जरूरत होगी तो वाहन भी उपलब्ध कराया जायेगा।