हल्दूचौड़ विद्युत की लो वोल्टेज से सिंचाई नलकूप वह पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। जिससे क्षेत्र के काश्तकारों में भारी आक्रोश ।अघोषित विद्युत कटौती से जहां एक ओर इस भीषण गर्मी में 24 घंटे में सिंचाई नलकूप 7 से 8 घंटा ही चल पा रहे हैं । पंखे कूलर भी जवाब देने लगे। इस भाबरी क्षेत्र में सिंचाई का एकमात्र साधन नलकूप है। जो बिजली की लो वोल्टेज और
अघोषित विद्युत कटौती से जवाब दे रही है। पिछले 2 महीने से यह सिलसिला चलता आ रहा है न तो विद्युत विभाग इस और ध्यान दे रहा है और नहीं नलकूप ।जब से नलकूपों को पंचायत के हवाले किया गया तब से नलकूप विभाग ने अपना पल्ला झाड़ दिया पंचायत ने जिन ऑपरेटर को रखा है उनका कहना है 4 000 रुपया प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है जबकि बार-बार बिजली जाने से लो वोल्टेज की वजह से ट्यूबल को बार-बार ऑन करना पड़ता है दिन हो की रात 24 घंटे की ड्यूटी में 4000 रू मिलता है ।
इस महंगाई के जमाने में₹4000 कोई मायने नहीं रखता है नलकूप चालकों का कहना है की लो वोल्टेज और विद्युत कटौती से उनको भी काफी परेशानी हो रही है बार-बार बिजली 5मिनट 10 मिनट 20 मिनट बार ट्यूबल को ऑन करना पड़ता है कभी थोड़ी देर चलता है कभी नहीं चलता है 24 घंटे की ड्यूटी में 6 से 8 घंटा ट्यूबवेल चल पाता है ।
वहीं विद्युत विभाग के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने बताया की पीछे से ही बिजली कम आ रही है जिससे लो वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो रही है। अधिकारियों का कहना है थोड़ा बारिश होने पर वोल्टेज बढ़ जाएगी तो ट्यूबवेल सही ढंग से चल पाएंगे । नलकूप विभाग स्टेबलाइजर लगा ले तो यह समस्या कुछ हद तक कम हो जाती है। कुछ ट्यूबवेलों में स्टेबलाइजर लगे हुए हैं वे सुचारू रूप से चल रहे हैं। जिनमें स्टेबलाइजर नहीं लगे हैं उसमें दिक्कत आ रही है अगर नलकूप विभाग स्टेबलाइजर लगा ले तो ट्यूबल चलने लग जाएंगे सिंचाई की समस्या दूर हो सकती है।
नलकूप विभाग
के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई मगर संपर्क नहीं हो पाया।
राम ही जाने कब तक इस समस्या से छुटकारा मिल पाएगा।