नदियों के तेज बहाव और भूस्खलन के कारण गेस्ट हाउस खतरे की जद में

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बागेश्वर। जिले के विश्व प्रशिद्ध ग्लेशियर पिडारी और कफनी को जाने वाले मार्ग में लोनिवि के गेस्ट हाउस नदियों के तेज बहाव और भूस्खलन के कारण खतरे की जद में आ गए हैं। शीघ्र सुरक्षा के लिए महकमे नहीं जागे तो गेस्ट हाउस पर खतरा मंडरा सकता है। भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जिला बागेश्वर जोन पांच में आता है। कपकोट तहसील के गांवों में लगातार भूस्खलन का खतरा बना रहता है। सुमगढ़ हादसे के बाद अब पिडर और कफनी नदी के किनारे बने लोनिवि और कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस खतरे में आ गए हैं। इन गेस्ट हाउसों पर भी भूस्खलन का खतरा पैदा होने लगा है। वर्ष 2013 में पिडर और कफनी नदी में बाढ़ आने से द्वाली स्थित लोनिवि के गेस्ट हाउस को खतरा उत्पन्न हो गया था। नदी के कटाव से गेस्ट हाउस के पास तक की जमीन नदी में समा गई है। गेस्ट हाउस की जमीन को भी नुकसान हुआ है। इसके अलावा लोनिवि के अलावा कुमाऊं मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी खतरे की जद में है। आठ वर्ष बीतने के बाद भी गेस्ट हाउस को बचाने के लिए प्रशासन सुरक्षा उपाय नहीं कर पाया है। ट्रेकिग रूट पर भी पड़ी आपदा की मार आठ वर्ष पहले यह ट्रेकिग रूट द्वाली नामक स्थान पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।

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इधर लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि  चटानों को काटकर रास्ता बनाया जा रहा है। पिडारी ग्लेशियर ट्रेकिग रूट का रास्ता नदी में समा गया था। चट्टान काटकर रास्ते का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए शासन से 24 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। करीब 300 मीटर रास्ता बना है। जबकि 700 मीटर रास्ते का निर्माण अधर में लटका है। द्वाली के समीप लोनिवि का गेस्ट हाउस है।  नदियों से भूमि कटाव हो रहा है। लेकिन वर्तमान में गेस्ट हाउस को खतरा नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से दीवार आदि का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए आगणन तैयार किया जाएगा। 

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