

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का नभ नेत्र ड्रोन इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगा. ड्रोन के जरिए हरिद्वार के भीड़भाड़ वाले स्थलों, सड़कों, घाटों और पुलों की निगरानी की जाएगी. राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से नभ नेत्र ड्रोन के विजुअल्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी. यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के संबंध में बैठक आयोजित की गई. बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने यह निर्देश दिए.
कांवड़ यात्रा में पहली बार नभ नेत्र ड्रोन की तैनाती
आनंद स्वरूप ने बताया कि आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है. कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं और आकस्मिकताओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में आईआरएस उपयोगी साबित हो सकता है. उन्होंने कांवड़ यात्रा से संबंधित जिलों के अधिकारियों से आईआरएस प्रणाली को अपनाने और इसके तहत ही यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से योजना का निर्माण करने को कहा. आनंद स्वरूप ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुगम और सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय बहुत जरूरी है. उन्होंने सभी विभागों में सिंगल प्वाइंट आफ कांटेक्ट के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी को नामित करने और उनकी सूची एसईओसी और डीईओसी के साथ साझा करने के निर्देश दिए.
एंट्री प्वाइंट्स में सचेत एप डाउन लोड करने के लगाए जाएंगे होर्डिंग
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन DIG राजकुमार नेगी ने कहा कि सचेत एप कांवड़ियों को मानसून अवधि में मौसम संबंधी सूचनाएं और अलर्ट प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने एंट्री प्वाइंट्स में सचेत एप डाउन लोड करने संबंधी होर्डिंग और बार कोड लगाए जाने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्र भी गंगा घाटों में तैनात रहेंगे. साथ ही कांगड़ा घाट में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे. NDRF की एक टीम कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगी. आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमों को रवाना किया जाएगा