बेटे के बचने की उम्मीद खो चुके मां-बाप के लिए उम्मीद की किरण बनकर दोस्तों ने पेश की ऐसी मिसाल

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उत्तराखंड:आज भी दुनिया मे दोस्ती की मिसाल कायम करने वाले दोस्त होते है ऐसा ही एक मामला सामने आया जब छात्रों ने दोस्ती की एक ऐसी मिसाल पेश की जिसकी अब हर जगह चर्चा हो रही है।उस छात्र के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और इलाज खर्च उठाना आसान नहीं था।लेकिन दोस्तों ने मिलकर उसके इलाज के लिए दस लाख रुपये जुटा लिए।

(सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए मेडिकल छात्र के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर सहपाठी मेडिकल छात्रों ने 10 लाख रुपये इकट्ठा कर उसके इलाज का खर्च उठाया। )

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बताते चलें कि मूल रूप से जनपद उत्तरकाशी की तहसील बड़कोट के गांव राना के रहने वाले दिग्विजय सिंह ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में एमएस के छात्र हैं। 31 जुलाई की रात करीब एक बजे रानीपुर झाल ज्वालापुर हरिद्वार के पास अपने चार दोस्तों के साथ कहीं जाते समय उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।हादसे में एक छात्र की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि दिग्विजय सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें रात में हायर सेंटर रेफर किया गया। जहां डॉक्टरों ने घायल दिग्विजय के परिजन को बताया कि उसकी स्थिति बहुत गंभीर है। उसकी जान को खतरा है। इलाज में आर्थिक व्यय भी अधिक हो सकता है।

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पूरे मामले में मुख्य रूप से प्रोफेसर विशाल वर्मा ने पहल शुरू की थी। उन्होंने विश्वविद्यालय के तीनों परिसर ऋषिकुल परिसर, गुरुकुल परिसर और मुख्य परिसर देहरादून छात्रों की एक कमेटी बनाई। जिसमें ऋषिकुल परिसर से डॉ. भास्कर, डॉ. ध्रुव, डॉ. मामराज, डॉ. मानसी, डॉ. आस्था, डॉ. शशांक, डॉ. नमन, गुरुकुल परिसर से डॉ. शशिभूषण व मुख्य परिसर देहरादून से डॉ. ऐश्वर्य आदि शामिल हुवे । कमेटी के छात्रों से लगभग साढ़े सात लाख रुपये और ऋषिकुल गुरुकुल व मुख्य परिसर के शिक्षकों ने भी करीब ढाई लाख रुपये मिलाकर कुल दस लाख रुपये एकत्र किए।

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