
उत्तराखंड सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को अब बिना आवेदन किए राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार मिलेगा। राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस पहल के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कुछ शिक्षक पूरी तरह से शिक्षा के प्रति समर्पित हैं और उनकी कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है।
एक उदाहरण के तौर पर बागेश्वर के कपकोट स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा का नाम लिया। उनके और विद्यालय के अन्य शिक्षकों के अथक प्रयासों से न केवल विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, बल्कि विद्यालय के कई छात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में भी चयनित हुए हैं।
ख्याली दत्त शर्मा ने बताया कि इस स्कूल में पहले केवल 9 छात्र-छात्राएं थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 282 हो गई है। इसके अलावा 200 और बच्चे इस विद्यालय में दाखिला लेने के इच्छुक हैं। प्रधानाध्यापक शर्मा ने कहा कि यदि स्कूल में पर्याप्त भवन होता, तो छात्र-छात्राओं की संख्या और भी बढ़ सकती थी।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने इस विद्यालय के भवन के निर्माण के लिए 1 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि आवंटित की है। इसके अलावा, प्रधानाध्यापक ने शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए आवेदन करने से मना कर दिया था, और उनका मानना था कि यदि वह इसके योग्य हैं, तो सरकार उन्हें स्वयं इस पुरस्कार के लिए चयनित कर सम्मानित करे।