विश्व महामारी स्वच्छता दिवस(28 मई) के अवसर पर उत्तराखंड की महामहिम राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा एवं माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य की गरिमामय उपस्थिति में उत्तराखंड के समस्त जनपदों में किशोरी, बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए रियायती दरों पर “स्पर्श” सैनिटरी नैपकिन वितरण कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर महामहिम मा0 राज्यपाल महोदय ने कहा कि माहवारी की बात होते ही लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव की तस्वीर उभरने लगती है। खासकर ग्रामीण और कामकाजी महिलाओं को इस भेदभाव से दो-चार होना पड़ता है।
सरकार का यह कदम उन महिलाओं के लिए लाभदायक होगा जो पैसों की कमी के चलते सैनेटरी नैपकिन नहीं खरीद पाती हैं। इससे वंचित महिलाओं के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा सुनिश्चित होगी। इस योजना के तहत 1 रुपये में एक
सेनेटरी नेपकिन तथा 6 रुपये में पूरा पैक बालिकाओं और महिलाओं को उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स को लेकर खुलकर बात नहीं करतीं और न ही इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक होती हैं। मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर खासतौर से सतर्क रहने की जरूरत होती हैं क्योंकि लापरवाही कई सारी बीमारियों को जन्म दे सकती है। यहां तक कि कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानी भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि राजभवन के माध्यम से भी दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो में 5000 सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होने निर्देश दिए कि इस सम्बंध में एक महिला को नोडल अधिकारी बनाया जाए। जो उन बच्चियों को महावारी के सम्बंध में साफ सफाई और स्वच्छता के लिए जागरूक करें।मा0 राज्यपाल महोदया ने सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस कोविड महामारी के दौरान जितने भी बच्चे अनाथ हुए है। उन बच्चों को ढूढे ताकि उन बच्चो के साथ कोई अनहोनी ना हो, वो किसी प्रकार के गलत राह पर ना चले और कोई उन मासूमों का गलत फायदा न उठा सके।कार्यक्रम के दौरान मा0 राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास ने कहा कि माहवारी विषय पर बात करने से सभी झिझगते है।
इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य कारण है कि लड़कियां और महिलाएं मासिक धर्म को लेकर जागरूक होने के साथ ही इस विषय पर खुलकर अपनी बात रखें। मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहें, जिससे उन्हें किसी भी तरह के घातक संक्रमण का शिकार न होना पड़े। दरअसल, कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह हैं कि बालिकाओं व महिलाओं को कम व सस्ती दरों में (1 रुपये में एक सेनेटरी नेपकिन व 6 रुपये में पर पैक) सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।इस अवसर पर बालिकाओं को स्पर्श सेनेटरी नेपकिन वितरित किये गए।कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी पी0एस0 बृजवाल व पुष्पा चौधरी समेत बालिकाएं उपस्थित रहे।