उत्तराखंड में इन दिनों बीजेपी में चुनाव की त्य्यारियो के साथ ही अंदरूनी कलह चल रही है. भाजपा की अंदरूनी कलह पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने चुटकी लेते हुए शब्दो से वार किया है. इसके साथ ही हरीश रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री डॉ. हरकत सिंह रावत के बीच चल रहे मतभेदों और जुबानी जंग को लेकर भी ट्वीट किया है. हरीश रावत ने ट्वीट करके लिखा है कि “जैसी करनी वैसी भरनी, 2016 में कांग्रेस का मटका फोड़ने वाली भाजपा में अब क्या हो रहा है ढैंचा-ढैंचा हो रहा है”. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार हरीश रावत ने यह टिप्पणी इसलिए की है क्योंकि कुछ दिन पहले उत्तराखंड के पूर्व सीएम और भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह ने नाम लिए बिना ही हरक सिंह रावत पर तंज कसा था. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि हमारे यहां एक जानवर होता है गधा वो हमेशा ढैंचा-ढैंचा करता है.
ढैंचा शब्द बीज घोटाला से जुड़ा है
उत्तराखंड में ढैंचा शब्द बीज घोटाला से जुड़ा है. इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ढैंचा बीज घोटाला मामले में इन्हें क्लीन चिट देदी थी. कांग्रेस सरकार में हरक सिंह रावत कृषि मंत्री थे तब उन्होंने हरीश रावत के कहने पर भी त्रिवेंद्र रावत को जेल नहीं भेजा था. हालांकि बाद में हरक सिंह रावत साल 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे और फिर वह मार्च 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में बनी उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में मंत्री बने थे.
हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तराखंड के युवकों के लिए बीजेपी सरकार को रोजगार के रास्ते खोलने चाहिए. साल 2017 से पहले मुख्यमंत्री जी ने दावा किया कि हमने साढे़ 7 लाख रोजगार दे दिये हैं. इसके बाद दूसरे मुख्यमंत्री जी ने थोड़ा सा झैंपते हुये कहा हम 24 हजार भर्तियां कर रहे हैं. अब तीसरे मुख्यमंत्री जी ने 22 हजार सरकारी भर्तियों का लक्ष्य रखा है हालांकि लक्ष्य पूर्ति का कोई भी वर्ष नहीं, कोई तिथि नहीं कहां से ये 22,000 सरकारी नौकरियां मिलेंगी.