HMPV को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी की गाइडलाइन, पढ़ें बचाव के लिए क्या करें

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चीन में कोरोना वायरस के बाद ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) तेजी से फैल रहा है. भारत में भी HMPV के तीन मामले सामने आए हैं. जिसमें से दो कर्नाटक के हैं, जबकि एक मामला गुजरात से सामने आया है. उत्तराखंड में भी एचएमपीवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है.

स्वास्थ्य विभाग ने HMPV को लेकर जारी की गाइडलाइन

उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशालय ने एचएमपीवी वायरस की रोकथाम के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेशन बेड ओर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है. हालांकि अभी तक उत्तराखंड से एचएमपीवी वायरस का कोई केस सामने नहीं आया है.

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आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के दिए निर्देश

प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. सुनीता टम्टा ने सभी जिलों के सीएमओ और जिलाधिकारी को सभी अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा और निमोनिया रोगियों के उपचार के लिए आइसोलेशन बेड, वार्ड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए कहा है.

नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. सुनीता टम्टा ने सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयों के साथ चिकित्सा उपकरण, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. Hmpv वायरस के लक्षण बिल्कुल सर्दी जुकाम की तरह ही हैं. इसमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना काफी आम है.

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HMPV VIRUS

HMPC से बचाव के लिए क्या करें? (What to do to protect yourself from HMPC?)

  • बच्चों और बुजर्गों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगो में विशेष सावधानी बरती जाये.
  • छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल/टिश्यू का इसोनाल करें.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  • साबुन पानी से हाथों को सच्छ रखें.
  • अधिक मात्रा में पानी /तरल पदार्थों का सेवन करें और पौष्टिक आहार लें.
  • सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करें.
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क्या न करें?

  • इस्तेमाल किये गये टिश्यू पेपर/रूमाल का दोबारा उपयोग न करें.
  • हाथ मिलाने से परहेज करें.
  • लक्षण ग्रसित लोगों से नजदीकी सम्पर्क से बचें.
  • बिना चिकित्सीय परामर्श के दवाई का इस्तेमाल न करें.
  • बार-बार आंख और नाक को छूने से बचें.
  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें
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