डोईवाला। उत्तराखंड के डोईवाला से जबरन मतांतरण का मामला सामने आया है। यहां कबाड़ का काम करने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति ने पहले तो प्रशासनिक अनुमति लिए बगैर विधवा महिला का मतांतरण करा उससे शादी कर ली। इसके बाद उसने महिला के चार नाबालिग बच्चों का भी जबरन मतांतरण करा दिया।
हिंदू संगठनों की शिकायत पर जिलाधिकारी के स्तर से कराई गई जांच में इसकी पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने कबाड़ी के विरुद्ध उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डोईवाला कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के जिला धर्माचार्य प्रमुख संतोष राजपूत निवासी सिमलास ग्रांट देहरादून ने इसी वर्ष जनवरी में इस संबंध में शिकायत की थी, जिसमें बताया गया कि झारखंड की एक महिला केशवपुरी बस्ती में अपने चार बेटों के साथ रहने आई। महिला के पति की मृत्यु हो चुकी है। वह यहां कबाड़ बीनकर गुजर-बसर कर रही थी।
इसी दौरान इंदिरा कालोनी केशवपुरी बस्ती निवासी नईम के संपर्क में आई। नईम पेशे से कबाड़ी है। महिला उसके पास कबाड़ बेचने जाती थी। आरोप है कि गत वर्ष उसने महिला को बहला-फुसलाकर मतांतरण कराया और फिर छह मई को उससे निकाह कर लिया। कुछ महीने बाद उसने महिला के चारों बेटों का भी मतांतरण करा दिया।
इस प्रकरण की जिलाधिकारी देहरादून ने जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि नए कानून उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत इस तरह के मामलों में मतांतरण के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन जांच में पता चला कि आरोपित नईम ने इस तरह की कोई अनुमति नहीं ली। उन्होंने बताया कि मामले में जांच चल रही है। इस कृत्य में शामिल अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी


