मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में गुस्साए ग्रामीणों ने एक कैंप में आग लगा दी। इस घटना में कांग्रेस विधायक रंजीत के आवास को भी आग के हवाले किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने बताया कि पिछले दो दिनों से उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई है। आगजनी की घटनाओं से पहले रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल सहित राज्य पुलिस ने उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसके बाद सभी उग्रवादी अपने शिविर से भाग गए। हालांकि, बाद में ग्रामीणों ने रविवार रात शिविर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें नए भर्ती हुए कुकी उग्रवादियों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं भी शामिल हैं। इसके साथ ही रविवार को पश्चिमी इंफाल जिले के फायेंग से भी भीषण गोलीबारी की खबरें मिली थी। इस दौरान कुकी उग्रवादियों ने एक कारखाने में आग लगा दी थी। पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में अज्ञात लोगों ने रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में कुछ घरों में आग लगा दी।
कांग्रेस विधायक का घर भी फूंका
वहीं जानकारी सामने आई है कि इस कैंप में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे हुए थे। इस दौरान काकचिंग जिले के सुगनू से कांग्रेस विधायक रंजीत के आवास सहित कम से कम 100 घरों को भी आग लगा दी गई है।
3 मई को भड़की थी राज्य में हिंसा
बता दें कि मेइती समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है जिसके विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को हिंसा देखने को मिली थी। जिसके बाद से लगातार राज्य में हिंसा की घटनाओं के बाद शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।