राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार तथा अहमदाबाद द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत आयोजित सातवां दिवस कार्यक्रम हुआ संपन्न

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अल्मोड़ा राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार तथा Entrepreneurship Development Institute Of India (EDII) अहमदाबाद द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत आयोजित 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का सातवां दिवस दिनांक 19 अप्रैल 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के समन्वयक/नोडल अधिकारी डॉ० हेमन्त कुमार बिनवाल के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित इस सत्र में अल्मोड़ा से आए हुए श्री भूपेंद्र सिंह मेहरा ने अपने संबोधन की शुरुआत उद्यमिता की वर्तमान सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में आवश्यकता और महत्व को स्पष्ट करते हुए की।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार उद्यमिता न केवल रोजगार सृजन में सहायक है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में उद्यमिता के विशेष महत्व पर जोर दिया, जहाँ सीमित पारंपरिक रोजगार अवसर हैं।
इसके पश्चात, श्री मेहरा ने स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग की अपार संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने विशेष रूप से अल्मोड़ा और आसपास के क्षेत्रों में उपलब्ध डेयरी उत्पादन, मधुमक्खी उत्पादन और पारंपरिक नमक जैसे उत्पादों का उल्लेख किया। उन्होंने इन उत्पादों की विशिष्टता, गुणवत्ता और बाजार में इनकी मांग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को इन स्थानीय उत्पादों के मूल्यवर्धन और प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियों के माध्यम से सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पैकेजिंग, ब्रांडिंग और वितरण चैनलों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
सत्र के अगले भाग में श्री मेहरा ने बजट के महत्व और एक प्रभावी परियोजना प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक सुव्यवस्थित बजट किसी भी उद्यम की वित्तीय स्थिरता और विकास के लिए कितना आवश्यक है। उन्होंने बजट बनाने के विभिन्न पहलुओं, जैसे राजस्व का अनुमान, लागत का आकलन और लाभप्रदता का विश्लेषण, को सरल भाषा में समझाया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक आकर्षक और प्रभावी परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के लिए ध्यान में रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी मार्गदर्शन किया, जिसमें समस्या की पहचान, प्रस्तावित समाधान, बाजार विश्लेषण, वित्तीय अनुमान और टीम का परिचय शामिल थे।
सत्र के अंत में, मेंटर श्री आशीष शुक्ला ने छात्र-छात्राओं को स्वयं उत्पाद बनाने और नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उन्हें छोटे स्तर पर प्रयोग करने और बाजार की प्रतिक्रिया के आधार पर अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम समन्वयक/नोडल अधिकारी डॉ० हेमन्त कुमार बिनवाल ने इस सातवें दिवस के कार्यक्रम के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सत्र का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित किया और मुख्य वक्ता श्री भूपेंद्र सिंह मेहरा का स्वागत कर उन्हें प्रतिभागियों से परिचित कराया। सत्र के अंत में, उन्होंने श्री मेहरा को बहुमूल्य जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रतिभागी पूजा रावत, नीरज कनवाल, राहुल ढैला, पिंकी आर्या, मानसी पांडे, काजल तोलिया और तनूजा पाण्डेय की सक्रिय उपस्थिति रही, जिन्होंने पूरे मनोयोग एवं उत्साह के साथ कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।

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