दहेज हत्या कांड में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की कोर्ट ने सिपाही उसके भाई और बहन को दोषी कराते हुए 10 साल की सजा और ₹32000 का अर्थदंड लगाया है।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता गिरजा शंकर पांडे ने बताया कि मामला रामनगर कोतवाली क्षेत्र के मालधनचौड़ काहे जहां विमला का प्रेम विवाह पुलिसकर्मी पूरन चंद्र से हुआ था। 26 दिसंबर 2007 को आग लगने से विमला की मौत हो गई इसके बाद ससुरालियों ने बिना पोस्टमार्टम कराए मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया ।
मृतिका का विमला के भाई पूरन चंद्र ने 27 दिसंबर 2007 को पति पूरन चंद्र सहित उसके परिवार के छह लोगों के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के साथ कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद पति पूरन चंद्र, उसके भाई सुरेश चंद्र और बहन इंदिरा को दहेज हत्या का दोषी ठहराया है। साथ ही मुकदमे की सुनवाई के बीच 3 आरोप की मौत हो चुकी है।