नहीं हुई सुनवाई तो कर लूंगा आत्महत्या…….जी हां यह हम नहीं कह रहे बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नारायण पंत के पोते शंकर दत्त पंत का कहना है। यहां तहसील परिसर के मुख्य द्वार के बाहर अनशन पर बैठे शंकर दत्त पंत ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पत्राचार किया है ताकि उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को मिलने वाली सुविधाएं दी जाए, मगर तमाम पत्राचार के बाद भी अभी तक उन्हें कोई सुविधाएं नहीं मिली है। उन्होंने जानकारी देते बताया कि तमाम पत्राचार करने के बावजूद उन्हें अभी तक ना तो आरक्षण के तहत नौकरी मिली है, न ही कोई शौचालय बना कर दिया गया है और न ही सरकारी बस पास बनाए गए हैं इसके अलावा अन्य सरकारी सुविधाएं जो उत्तराखंड सहित भारत के सभी राज्यों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को मिल रही है उनमें से कोई भी सुविधा उन्हें नहीं दी जा रही है इसलिए वह यहां अनशन पर बैठे हैं।
वहीं उनके साथ अनशन पर बैठे पड़ोसी जयचंद ने बताया कि लंबे समय से शंकर दत्त पंत सरकारी विभागों के चक्कर काट रहे हैं और कई जगह पत्राचार कर चुके हैं मगर अभी तक कोई सुविधाएं उन्हें नहीं मिली है जिसके लिए कुछ अन्य लोगों के साथ वह भी शंकर दत्त पंत के समर्थन में अनशन पर बैठे हैं इस दौरान शंकर दत्त पंत ने कहा कि वह सरकारी विभागों के चक्कर काट काट कर और पत्राचार करके थक चुके हैं और वह जो भी दिहाड़ी मजदूरी कमातें हैं वह भी इन्हीं दौड़ भाग में खर्च हो जाती है उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वह आने वाली 15 अगस्त को भूख हड़ताल पर बैठेंगे यदि फिर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो वह आत्महत्या करने को भी मजबूर होंगे।जय चंद, पड़ोसी, शंकर दत्त पंत