उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद (IFS Kishan Chand) के खिलाफ दर्ज एफआईआर (fir) को निरस्त करने की याचिका पर सुनवाई हुई, वहीं इस मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने उनकी याचिका को निरस्त कर दी गई है।
ये है पूरा मामला
वहीं IFS किशन चंद पर कालागढ़ में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है। जिसके बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए किशन चंद (IFS Kishan Chand) को निलंबित कर दिया था, साथ ही विजिलेंस को इस मामले की जांच सौंपी थी। विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
किशन चंद ने एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी, साथ ही उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं। जितने भी कार्य उनके द्वारा किये गए वे विभागीय अधिकारियों की सहमति के किये गए हैं।
जिसके कारण उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाये, वहीं जिसके बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने उनकी याचिका को निरस्त कर दिया है।