थमने का नाम नहीं ले रहा है अवैध मिट्टी खनन।

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हल्दूचौड़। उपजाऊ फसलें पैदा करने वाली मिट्टी पर लम्बे समय से खनन माफियाओं की नजर लगी हुई है। लालकुआं तहसील के दर्जनों राजस्व गावों में मिट्टी का अवैध कारोबार माफियाओं के लिए खरा सोना बन चला है। भावर के ग्रामीण क्षेत्र हल्दूचौड़ से लेकर मोटाहल्दू बेरीपड़ाव समेत तमाम क्षेत्रों के दर्जनों गांवों में जिधर तक नजर दौड़ाएं खनन मिट्टी माफियाओं की करतूत साफ नजर आती है। खेतों में जबरदस्त गहरे गड्ढे व टूटी फूटी सिंचाई नहरे अवैध मिट्टी दोहन की कहानी बयां कर रहे हैं, साथ ही आने वाले संकट का अहसास भी करा रहे हैं। हैरत यह है कि मिट्टी के अवैध सौदागरों ने उक्त कारोबार में लगी टैक्टर ट्रालियों का न तो ब्यवसायिक पंजीकरण कराया है और न ही इनके वाहनों में नम्बर प्लेट है और ना ही चालकों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है।

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बगैर पुलिस सत्यापन के बाहरी राज्यो के उक्त अकुशल चालक आए दिन सड़क हादसों को दावत देते हैं। बगैर नम्बर प्लेट बगैर लाइसेंस के साथ ही बिना ब्यवसायिक पंजीकरण के अवैध ब्यवसाय करना ट्रैफिक नियमों का खुला उल्लंघन है। बावजूद इसके अवैध खनन व ट्रैफिक नियमों को लेकर अभियान चलाने वाले जिम्मेदार अफसरों की नजर अभी तक इस गोरखधंधे पर नहीं गई है।जो कि पूर्णतः जिम्मेदार महकमे की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे में तमाम प्रभावशाली सक्रिय हैं।
अवैध मिट्टी दोहन के चलते सैकड़ों गांवों में मंडरा रहे इस खतरे से जहां वास्तविक किसान बेहद खफा हैं वही ज्यादा मुनाफे के लिए ज्यादा फेरे लगाने के चक्कर मे बेतरतीब फर्राटा भर रही टैक्टर ट्रालियां वह भी अकुशल चालको के द्वारा चलाये जाने से हमेशा दुर्घटना को दावत देती दिखाई दे रही हैं।
लेकिन जिम्मेदार महकमे उक्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय कभी कभार उक्त वाहनों के खिलाफ एमबी एक्ट के तहत कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर रहे हैं। जिम्मेदारों द्वारा आज तक किसी भी मिट्टी खनन माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही करने की जरूरत तक नहीं समझी ।

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